मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नीतिगत दर (रेपो रेट) में कटौती के बाद अब विभिन्न बैंकों ने इसका लाभ अपने ग्राहकों को देना शुरू कर दिया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद शुक्रवार को बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, आंध्र बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, केनरा बैंक आदि ने 0.10 से 0.30 प्रतिशत तक की कटौती करने की घोषणा की।
सरकारी क्षेत्र के आंध्र बैंक, सिंडिकेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने कर्ज की मानक ब्याज दरों में शुक्रवार को 0.25 प्रतिशत की कटौती की। केनरा बैंक ने मानक ब्याज दर 0.10 प्रतिशत घटाने की घोषणा की। इलाहाबाद बैंक ने मानक ब्याज दर 0.15 से 0.20 प्रतिशत कम करने और इंडियन ओवरसीज बैंक तथा यूनियन बैंक ने 0.15 प्रतिशत घटाने की घोषणा की।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने इस सप्ताह बीते बुधवार को नीतिगत दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती की है। यह लगातार चार द्वैमासिक नीतिगत समीक्षा बैठक में रेपो दर में की गयी कटौती है। रेपो दर अब नौ साल के निचले स्तर 5.40 प्रतिशत पर है। इसके बाद बैंकों के ऊपर रेपो दर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने का दबाव बन गया था।
आंध्र बैंक ने एक बयान जारी कर सभी परिपक्वता अवधियों के ऋण पर सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की। बैंक ने कहा कि अब मुख्य एमसीएलआर 8.20 प्रतिशत से कम होकर 7.95 प्रतिशत है।
इसी तरह सिंडिकेट बैंक ने भी सभी परिपक्वता अवधि के ऋण का एमसीएलआर 0.25 प्रतिशत घटा दिया। बैंक इस वित्त वर्ष में ब्याज दर 0.50 प्रतिशत घटा चुका है। बैंक ने कहा कि नयी दरें 12 अगस्त से प्रभावी होंगी। बैंक ने कहा कि अब आवासीय ऋण आदि पर 8.30 प्रतिशत एमसीएलआर होगा। केनरा बैंक ने भी सभी परिपक्वता अवधि के ऋण पर एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की। यह कटौती सात अगस्त से लागू हो गई है। इस संशोधन के बाद केनरा बैंक पिछले छह माह में एमसीएलआर में कुल मिलाकर 0.20 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। इस तरह एक साल की एमसीएलआर घटकर 8.50 प्रतिशत पर आ गई है जो पहले 8.70 प्रतिशत थी। बैंक ने कहा कि वह ऋण दरों में और कटौती की घोषणा जल्द करेगा।
बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि एक साल की परिपक्वता अवधि वाले ऋण पर मानक ब्याज दर 8.60 प्रतिशत से घटाकर 8.35 प्रतिशत कर दिया। नयी दर 10 अगस्त से प्रभावी होगी। इलाहाबाद बैंक ने कहा कि उसने सभी परिपक्वता अवधि के ऋण पर मानक दर में 0.15 से 0.20 प्रतिशत तक की कटौती की। बैंक ने कहा कि संशोधित दर 14 अगस्त से प्रभावी होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा भी ब्याज दर में कटौती कर चुका है।
जानिए क्या है MCLR?
अप्रैल 2016 से ऋण के लिए लिए जाने वाले ब्याज की जगह बैंकों में एमसीएलआर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। आधार दर से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना धनराशि की सीमांत लागत, आवधिक प्रीमियम, संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता है। इस वजह से होम लोन जैसे लोन्स भी इसके लागू होने के बाद से काफी सस्ते हुए हैं।