मदुरै। मद्रास उच्च न्यायालय ने बैंकों को उन खातों पर जुर्माना लगाने से रोक दिया है, जिनमें वृद्धावस्था पेंशन आती है। दरअसल, खाते में न्यूनतम राशि न होने पर बैंक खाता धारकों से जुर्माना वसूलते हैं। न्यायालय ने बैंकों को ऐसे खातों से जुर्माना वसूलने पर रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और न्यायाधीश निशा भानू की पीठ ने वकील एस लुइस द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश दिया है। याचिका में उन खातों को न्यूनतम राशि नियम से छूट देने की मांग की गई थी, जिनमें वृद्धावस्था पेंशन आती है। उच्च न्यायालय ने इस मामले पर भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और केंद्रीय संयुक्त वित्त सचिव समेत अन्य को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि ऐसे में मामलों में दंड वसूलना वृद्धावस्था पेंशन योजना के उद्देश्य को निष्फल करता हैं, जिसका उद्देश्य 65 वर्ष या उससे अधिक की उम्र के लोगों की सहायता करना, शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम लोगों की सहायता करना है। याचिकाकर्ता ने उदाहण पेश करते हए कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की अलंगुलम शाखा ने 75 वर्षीय एक महिला के खाते में न्यूनतम बकाया राशि नहीं रखने पर 350 रुपए काट लिए। महिला को पेंशन के रूप में एक हजार रुपए मिलता है। याचिकाकर्ता ने कहा किया उसने शाखा प्रबंधक से वृद्धावस्था पेंशन वाले खातों से जुर्माना वसूलने को रोकने के लिए चिट्ठी लिखी, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।