नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को एटीएम (ATM) में कैश भरने के लिए केवल लॉकेबल कैसेट के इस्तेमाल को लागू करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर मार्च 2022 कर दिया है। वर्तमान में, अधिकांश एटीएम (ऑटोमैटेड टेलर मशीन) में नकद धन को ओपन कैश टॉप-अप या स्पॉट पर ही मशीन में कैश डालने के जरिये भरा जाता है।
एटीएम में नकद डालने के मौजूदा सिस्टम को खत्म करने के लिए आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि एटीएम में कैश रिपलेनिशमेंट के समय केवल लॉकेबल कैसेट का ही इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
लॉकेबल कैसेट सिस्टम को अपनाने में बैंकों के सामने आ रही परेशानियों को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने इसको लागू करने की अंतिम तिथि को अगले साल मार्च तक बढ़ाने का फैसला किया है। अप्रैल, 2018 में आरबीआई ने बैंकों को उनके एटीएम में लॉकेबल कैसेट का उपयोग करने का निर्देश दिया था। लॉकेबल कैसेट में पैसा पहले से भरा होता है और इन्हें केवल एटीएम में बदलने की आवश्यकता होती है।
इस नए सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से अपनाया जाना था, जिसके तहत बैंकों को हर साल अपने कम से कम एक तिहाई एटीएम में लॉकेबल कैसेट सिस्टम को लागू करना था और 31 मार्च, 2021 तक सभी एटीएम में कैसेट स्वैप सिस्टम को लागू करना था।
आरबीआई ने अपने एक बयान में कहा कि इस संबंध में इंडियन बैंक एसोसिएशन ने विभिन्न बैंकों की ओर से ज्ञापन सौंपकर निश्चित तिथि तक इस नए सिस्टम को लागू करने में असमर्थता जताई थी। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि सभी एटीएम में कैसेट स्वैप को लागू करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया जाए।
बैंकों को प्रगति पर निगरानी रखने और प्रत्येक तिमाही के अंत में रिपोर्ट तैयार कर आरबीआई को सौंपने का भी निर्देश दिया गया है। एटीएम में लॉकेबल कैसेट स्वैप सिस्टम को लागू करने की सिफारिश करेंसी मूवमेंट पर गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इस समिति का गठन रिजर्व बैंक ने ही किया था।
मई अंत तक देश में कुल 1,10,623 ऑन-साइट बैंक और 1,04,031 ऑफ-साइट एटीएम मशीनों का संचालन विभिन्न बैंकों द्वारा किया जा रहा है।
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