नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों के समूह ने सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है, जिसमें विजय माल्या के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया गया है। माल्या इस समय ब्रिटेन में हैं। बैंकों का आरोप है कि माल्या ने निर्देश के बावजूद अपनी पूरी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।
न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और आर. एफ. नरीमन की पीठ ने बैंकों के इस अंतरिम आवेदन पर 18 जुलाई को सुनवाई पर सहमति जताई है। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने याचिका को तुरंत सुनवाई के लिये पेश किया था। रोहतगी ने दावा किया है कि माल्या ने अपनी संपत्ति के बारे में शीर्ष अदालत को सीलबंद लिफाफे में गलत ब्यौरा दिया है। उन्होंने कहा है कि कई सूचनाओं को छुपाया गया है जिनमें 2,500 करोड़ रूपए का लेनदेन भी शामिल है और यह अदालत की अवमानना है।
अदालत ने इससे पहले माल्या से उसकी संपत्ति का सीलबंद लिफाफे में ब्यौरा मांगा था। बैंकों के समूह ने हाल ही में आरोप लगाया था कि माल्या उसके खिलाफ मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और अपनी विदेश स्थित संपत्ति के बारे में जानकारी नहीं दे रहा है। माल्या के जवाब के प्रत्युत्तर में दायर हलफनामे में बैंकों ने कहा है कि माल्या और उसके परिवार की विदेश स्थित संपत्ति की जानकारी उससे बकाये की वसूली के मामले में काफी अहम होगी।
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