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Banks expect to recover Rs 1.80 lakh cr NPAs during ongoing 2018-19 says finance ministry
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों में पुराने फंसे कर्जों में कमी आनी शुरू हो गयी है और बैंकिंग प्रणाली में विरासत में मिली समस्याओं से निजात मिलने लगी है। मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि 2018-19 की पहली तिमाही में बैंकों ने 36,551 करोड़ रुपये के पुराने फंसे कर्ज की वसूली की है और इस पूरे साल में उन्हें 1.8 लाख करोड़ रुपये की वसूली होने का अनुमान है।
राजधानी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वार्षिक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातें करते हुए जेटली ने कहा कि पिछले कुछ साल सार्वजनिक बैंकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहे हैं क्योंकि ऋण का एक बड़ा हिस्सा फंस कर एनपीए बन गया था। लेकिन दिवाला एवं ऋणशोधन संहिता (IBC) के अमल में आने से वसूली की गति तेज हुई है। दिवाला संहिता में कर्ज वाली सम्पत्ति को नीलाम करने का प्रावधान है।
जेटली ने कहा कि वसूली बेहतर हुई है, बैंकों की ऋण देने की क्षमता सुधरी है और इन सबसे ऊपर ऋण कारोबार की वृद्धि दर में भी अच्छा सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है, हम अच्छी वृद्धि के दौर से गुजर रहे हैं। उपभोग बढ़ा है और इस कारण बैंकिंग गतिविधियां तेज होना लाजिमी है।
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में दिवाला संहिता प्रक्रिया और अन्य रास्तों से वसूली के जरिए बैंकों को 1.8 लाख करोड़ रुपये की वसूली होने का अनुमान है। वर्ष की पहली तिमाही में बैंकों ने 36,551 करोड़ रुपये की वसूली की है। उन्होंने कहा कि अब एनपीए को नियंत्रण में रखने पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक बैंक अपनी गैर जरूरी सम्पत्तियों को की बिक्री से और 18 हजार करोड़ रुपये जुटा सकते हैं।