मुंबई। देश के प्रमुख बैंकरों ने रिजर्व बैंक की नये वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति में किये गये उपायों की सराहना की है। सरकारी प्रतिभूतियों के खरीद कार्यक्रम (जी- सैप) के जरिये बैंकिंग तंत्र में नकदी उपलब्ध कराने और केन्द्रीय बैंक के वृद्धि को बढ़ाने वाले अन्य उपायों को बैंकरों ने सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा वक्तव्य बाजार में अनिश्चितता को दूर करने की दिशा में स्पष्ट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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गारंटी के साथ बाजार को लगातार नकदी समर्थन देने और कोविड- 19 के मौजूदा बढ़ते मामलों के बीच आगे बढ़ने के स्पष्ट दिशानिर्देशों से यह प्रतिबद्धता झलकती है। बैंकों के संघ भारतीय बैंक संघ के चेयरमैन राज किरण राय ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के बॉंड खरीद कार्यक्रम (जी- सैप) से नकदी प्रबंधन की दिशा में की गई घोषणा बैंकों के लिये महत्वपूर्ण पहलू है। राज किरण राय यूनियन बैंक आफ इंडिया के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा कि लक्षित दीघकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) योजना का विस्तार, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों को अतिरिक्त कोष उपलब्ध कराने जैसे अन्य उपाय भी बैंकों के लिये मददगार साबित होंगे।
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निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा कि मौद्रिक नीति का ज्यादा ध्यान स्पष्ट रूप से बॉंड प्राप्ति प्रबंधन पर है। सरकारी प्रतिभूतियों के अधिग्रहण कार्यक्रम (जी- सैप) से दीर्घकालिक प्राप्ति को स्थिरता और समर्थन मिलेगा। पंजाब नेशनल बैंक के प्रमुख एस एस मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि मौद्रिक नीति उम्मीद के अनुरूप रही। इसमें खास उपाय किये गये हैं जिनसे कि आर्थिक सुधार तेजी से आगे बढ़ेगा।