नई दिल्ली। देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बैंक यूनियनों ने भारतीय बैंक संघ (IBA) से स्थिति में सुधार आने तक बैंक कर्मचारियों को संक्रमण से बचाने के लिए सेवाओं को सीमित करने और लोगों के शाखाओं में आकर लेन-देन के कार्यों को कम कर करीब तीन घंटे किए जाने का आग्रह किया है। नौ श्रमिक संगठनों का शीर्ष मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने आईबीए के चेयरमैन राज किरण राय जी को भेजे पत्र में कहा है कि शाखाओं में ग्राहकों का आना लगातार जारी है। ग्राहक सभी प्रकार की सेवाओं के लिए आ रहे हैं। इससे संक्रमण फैलने का खतरा है।
यूएफबीयू ने कहा कि हम बैंक कर्मचारियों के लगातार संक्रमित होने, अस्पतालों में उनके भर्ती होने और मृत्यु की सूचना से व्यथित हैं। यूनियन ने कहा इस विकट स्थिति को देखते हुए बैंक कर्मचारियों की तरफ से अपील है कि इस पर तुरंत गौर किया जाए और निर्णय किया जाए। बैंक यूनियनों ने स्थिति ठीक होने तक बैंक सेवाएं केवल जरूरी कार्यों तक सीमित करने और कामकाज के घंटे कम कर 3-4 घंटे किए जाने की मांग की है। यूएफबीयू ने संकुल बैंकिंग (क्लस्टर या हब) की व्यवस्था किए जाने की भी मांग की है। इसके तहत प्रत्येक इलाके में हर बैंक की कुछ शाखाओं को चिन्हित किया जाए ताकि बैंक कर्मचारी बारी-बारी से काम कर सके और संक्रमण से बच सके। पिछले सप्ताह भी यूएफबीयू ने इसी प्रकार के अनुरोध को लेकर वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा को पत्र लिखा था।
उत्तर प्रदेश में बैंक टाइमिंग में हुआ बदलाव
बैंकों की संस्था स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (SLBC UP) ने सर्कुलर जारी कर कामकाज के घंटे कम करने और स्टाफ में कटौती का निर्देश दिया है। संस्था ने कहा कि ये निर्देश 22 अप्रैल से लागू होंगे। SLBC(UP) बैंकों में आपसी समन्व्य करने वाली संस्था है। बारी-बारी से इसके संयोजक की जिम्मेदारी बदलती रहती है। इस वक्त उत्तर प्रदेश में एसएलबीसी का कन्वीनर बैंक ऑफ बड़ौदा है। उसी की ओर से यह सर्कुलर जारी किया गया है। सर्कुलर में SLBC(UP) ने साफ कर दिया है कि अगर केंद्र, राज्य सरकार या जिला प्रशासन की ओर से हालात को देखते हुए कोई ओर आदेश जारी होते हैं तो वह सबसे ऊपर माने जाएंगे।
SLBC(UP) ने दिए ये निर्देश
- उत्तर प्रदेश में सभी बैंक में अब लोगों को केवल सुबह 10 से दोपहर 2 बजे से तक सर्विस मिलेगी। रोजाना शाम को बैंक बंद हो जाया करेंगे।
- बैंकों में अब ग्राहकों को केवल न्यूनतम सेवा ही मिलेगी। इनमें कैश जमा करना और निकासी, चेक क्लियरिंग, गवर्नमेंट ट्रांजेक्शन और लेन-देन के काम ही हो सकेंगे।
- बैंक में एक वक्त में केवल 50 प्रतिशत स्टाफ को ही बुलाया जा सकेगा, जबकि बाकी लोग घर से काम करेंगे। अगली गाइडलाइन आने तक रोटेशन आधार पर ऐसे ही काम करना होगा।
- सभी वैकल्पिक डिलीवरी चैनल लगातार काम करते रहेंगे।
- बैंक में करंसी चेस्ट, एटीएम, सिक्योरिटी, डेटा ऑपरेशन, साइबर सिक्योरिटी, क्लियरिंग हाउस, बैंक ट्रेजरी से जुड़े हुए सभी काम पहले की तरह नॉर्मल चलते रहेंगे
- ये सभी इंतजाम 22 अप्रैल से 15 मई तक के लिए किए गए हैं। सरकार के निर्देश पर बाद में इसको एक्सटेंड भी किया जा सकता है।
- अगर जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कोई नया आदेश जारी करता है तो उसका ऑर्डर सबसे ऊपर माना जाएगा।
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