नई दिल्ली। बैंकों ने कर्ज सस्ता करने के बजाय अब कर्ज महंगा करना शुरू कर दिया है। प्रमुख सरकारी बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के बाद अब दूसरे बैंकों की तरफ से भी इस तरह के कदम उठाए जाने की आशंका बढ़ गई है। शनिवार को बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक उसने अलग-अलग अवधियों के लिए MCLR में 20 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है।
बैंक के मुताबिक सोमवार 7 मई से एक दिन की अवधि के लिए MCLR 8.30 प्रतिशत, एक महीने की अवधि के लिए 8.35 प्रतिशत, तीन महीने की अवधि के लिए 8.45 प्रतिशत, 6 महीने की अवधि के लिए 8.55 प्रतिशत और एक साल की अवधि के लिए 8.75 प्रतिशत लागू होगी। हालांकि बैंक ने बेस रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है, बेस रेट को 9.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। बैंक ने पिछले महीने ही बेस रेट को 9.60 प्रतिशत से घटाकर 9.50 प्रतिशत किया था।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तरफ से MCLR में बढ़ोतरी के बाद अब बैंक की तरफ से फ्लोटिंग दरों पर होम लोन लेने वालों को लोन की EMI पर ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ सकता है। इन दरों में बढ़ोतरी के बाद अब होमलोन की दरों में बढ़ोतरी होना तय है। अप्रैल 2016 से देशभर में होमलोन की फ्लोटिंग दरें MCLR के आधार पर तय होने लगी हैं। अगर MCLR में बढ़ोतरी होती है तो होमलोन महंगा होता है और MCLR में कटौती होने पर होमलोन सस्ता होता है।