नयी दिल्ली: बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) खुदरा और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को दिए जाने वाले रिण में वृद्धि के लिहाज से वित्तीय वर्ष 2020-21 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सबसे ऊपर रहा। पुणे के इस बैंक ने 2020-21 में एमएसएमई रिण में 35 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्शायी। बैंक ने क्षेत्र की इकाइयों के लिए इस अवधि में 23,133 करोड़ रुपए के रिण प्रदान किए।
चेन्नई का इंडियन बैंक दूसरे स्थान पर रहा। उसने 15.22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एमएमएमई क्षेत्र को कुल 70,180 करोड़ रुपए का कर्ज दिया। खुदरा क्षेत्र के कर्ज के मामले में बीओएम ने करीब 25.61 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जो देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से भी ज्यादा रही। एसबीआई ने इस खंड में 16.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
खुदरा क्षेत्र को दिए जाने वाले कुल रिण में एसबीआई ने राशि के हिसाब से बीओएम से 30 गुना ज्यादा रिण प्रदान किया। बीओएम ने इस खंड में कुल 28,651 करोड़ रुपए का रिण दिया जबकि एसबीआई ने 8.70 लाख करोड़ का रिण प्रदान किया। आंकड़े के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा खुदरा क्षेत्र को दिए जाने वाले रिण में 14.35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी और उसने कुल 1.20 लाख करोड़ का रिण प्रदान किया।