नई दिल्ली। डूबे कर्ज (NPA) की वजह से बैंक ऑफ इंडिया अपनी कुछ अनुषंगियों में हिस्सेदारी बेचने की संभावना तलाश रहा है ताकि पूंजी जुटाई जा सके। बैंक आफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक एन दामोदरन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, हमने कुछ अनुषंगियों में हिस्सेदारी बेची है तथा हम कुछ और गैर-मुख्य अनुषंगियों में हिस्सेदारी बेचने की संभावना तलाश रहे हैं जो कि उचित मूल्यांकन पर निर्भर करता है।
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हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई समय-सीमा या आंकड़ा तय करना मुश्किल होगा। दामोदरन ने कहा कि पूंजी हासिल करने के लिए हम कुछ गैर-प्रमुख अनुषंगियों की बिक्री पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इससे बैंक को इस वित्त वर्ष में मुनाफे में आने में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि मार्च, 2017 को समाप्त वित्त वर्ष में बैंक ऑफ इंडिया को 1,558 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ जबकि 31 मार्च 2016 को समाप्त वित्त वर्ष में यह घाटा 6,089 करोड़ रुपए रहा था।
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पिछले साल बैंक ऑफ इंडिया ने स्टार यूनियन दाइची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में 18 प्रतिशत हिस्सेदारी अपनी जापानी भागीदारी को 540 करोड़ रुपए में बेची थी। इस बिक्री के स्टार यूनियन दाइची में बैंक ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी घटकर 30 प्रतिशत रह गई। कंपनी में जापान की दाइची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का हिस्सा 44 प्रतिशत व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का हिस्सा 26 प्रतिशत है।