नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर, 2020 में समाप्त तीसरी तिमाही में 1,159.17 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट दर्ज किया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक को 1,219 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। आय में गिरावट के बावजूद प्रॉफिट में बढ़त बैंकों के प्रोविजन में आई गिरावट की वजह से देखने को मिला है। तिमाही के दौरान बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार भी देखने को मिला है।
आज जारी हुए नतीजों में बैंक ने जानकारी देते हुए कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय घटकर 22,070.52 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 23,134.67 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही के दौरान बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (Gross NPA) घटकर 8.48 प्रतिशत रह गए, जो कि मूल्य में 63,181.55 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गए। एक साल पहले की इसी तिमाही में ग्रॉस एनपीए 10.43 प्रतिशत यानि 73,139.70 करोड़ रुपये के स्तर पर थे। इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए (Net NPA) घटकर 2.39 प्रतिशत यानि 16,668 करोड़ रुपये के स्तर पर रह गए, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4.05 प्रतिशत यानि 26,504 करोड़ रुपये के स्तर पर थे।
डूबे कर्ज और अन्य आकस्मिक खर्च के लिए तीसरी तिमाही में बैंक का प्रावधान घटकर 4,618.88 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 7,233.62 करोड़ रुपये था। यानि इसमें 36 फीसदी की कमी देखने को मिली है। एकल (Standalone) आधार पर तीसरी तिमाही में बैंक ने 1,061.11 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक को 1,406.96 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। समीक्षाधीन अवधि में एकल आधार पर बैंक की आय घटकर 20,664.23 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 21,809.07 करोड़ रुपये थी।