नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एकीकरण SBI के साथ पांच सहयोगी बैंकों का विलय पूरा होने के बाद ही होने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। अधिकारी ने कहा, बैंक तभी विलय एवं अधिग्रहण पर विचार कर सकते हैं जब उनकी वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हो। इसीलिए तार्किक रूप से अगले दौर का विलय एवं अधिग्रहण सहायक बैंक के SBI में विलय और भारतीय महिला बैंक के अधिग्रहण के बाद ही होने की संभावना है।
अधिकारी ने कहा कि बैंक तभी अधिग्रहण कर सकते हैं जब वे वित्तीय रूप से मजबूत हों जो इस समय कमजोर है जिसका कारण बही खातों को साफ-सुथरा बनाने का अभियान है। उसके अनुसार इसलिए मार्च 2017 के बाद ही यह होगा। उस समय तक बही-खाते को दुरूस्त करने का अभियान पूरा हो जाएगा, परिणामस्वरूप वित्तीय प्रदर्शन बेहतर होना चाहिए। SBI का सहयोगी बैंकों के साथ विलय चालू वित्त वर्ष के अंत में होने की संभावना है। पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल ने SBI तथा उसके सहयोगी बैकों के विलय तथा भारतीय महिला बैंक के अधिग्रहण की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
SBI के पांच सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर तथा स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद हैं। इससे पहले, SBI ने 2008 में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का खुद में विलय किया था। दो साल बाद स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का उसमें विलय हुआ। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण के लिये रूपरेखा पेश करेगी।
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