Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. नोटबंदी के बाद के पखवाड़े में बैंक ऋण 61,000 करोड़ रुपए घटा

नोटबंदी के बाद के पखवाड़े में बैंक ऋण 61,000 करोड़ रुपए घटा

नोटबंदी की घोषणा के बाद मांग में भारी गिरावट के चलते 25 नवंबर को समाप्त पखवाड़े में बैंक ऋण में 61,000 करोड़ रुपए की गिरावट दर्ज की गई है।

Abhishek Shrivastava
Published : December 13, 2016 15:49 IST
नोटबंदी के 15 दिन बाद बैंक ऋण में 61,000 करोड़ रुपए की गिरावट, कर्जदारों ने लौटाए 66,000 करोड़ रुपए
नोटबंदी के 15 दिन बाद बैंक ऋण में 61,000 करोड़ रुपए की गिरावट, कर्जदारों ने लौटाए 66,000 करोड़ रुपए

मुंबई। नोटबंदी की घोषणा के बाद मांग में भारी गिरावट के चलते 25 नवंबर को समाप्त पखवाड़े में बैंक ऋण में 61,000 करोड़ रुपए की गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने ताजा आंकड़े जारी किए हैं।

हालांकि इसके साथ ही नोटबंदी का एक सकारात्मक असर भी देखने को मिला है। कर्जदारों ने इस अवधि में 66,000 करोड़ रुपए बैंकों में जमा कराए हैं। कुछ डिफॉल्ट खातों में कर्ज का भुगतान किया गया।

उल्लेखनीय है कि नोटबंदी की घोषणा 8 नवंबर की रात में की गई, जिसके तहत अगले दिन से 500 व 1000 रुपए के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया।

  • नौ नवंबर से 25 दिसंबर तक के पखवाड़े में बैंकों में 4.03 लाख करोड़ रुपए की राशि जमा कराई गई।
  • यह राशि 9 दिसंबर तक 12 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई और सरकार की सारी गणनाएं बिगड़ती नजर आ रही हैं।
  • सरकार के नोटबंदी के कदम का समर्थन करने वालों का शुरू में मानना था कि अप्रचलित किए गए 15.4 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोटों में से कम से कम 20 प्रतिशत या तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि वापस नहीं आने वाली हैं।
  • और इससे सरकार को भारी फायदा होने जा रहा है।
  • उनका कहना था कि इस राशि को रिवर्ज बैंक की बैलेंस शीट से बट्टे खाते में डालकर उसे अधिशेष के रूप में सरकारी खजाने में जमाया कराया जा सकेगा।
  • लेकिन चूंकि अब प्रतिबंधित नोटों के मूल्य के लगभग समराशि बैंकों में जमा हो गई है तो उक्त सारी गणनाएं बेमानी हो चुकी हैं।
  • रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार बैंकिंग प्रणाली का बकाया ऋण 25 नवंबर को 72.92 लाख करोड़ रुपए था।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement