मुंबई। बैंकों के ऋण की वृद्धि दर जनवरी 2020 में घटकर 8.5 प्रतिशत पर आ गई। एक साल पहले समान महीने में यह 13.5 प्रतिशत थी। मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र को ऋण की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट से कुल ऋण की वृद्धि दर घटी है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2020 में सेवा क्षेत्र को ऋण की वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत रही। जनवरी 2019 में यह 23.9 प्रतिशत थी।
समीक्षाधीन महीने में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों के ऋण की वृद्धि दर घटकर 32.2 प्रतिशत पर आ गई, जो एक साल पहले समान महीने में 48.3 प्रतिशत रही थी। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार जनवरी में व्यक्तिगत ऋण (पर्सनल लोन) खंड की वृद्धि दर 16.9 प्रतिशत रही। पर्सनल लोन के तहत आवास क्षेत्र को ऋण की वृद्धि 17.5 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले समान महीने में 18.4 प्रतिशत रही थी। इसी के तहत शिक्षा के लिए कर्ज 3.1 प्रतिशत घट गया।
जनवरी 2019 में शिक्षा के लिए ऋण 2.3 प्रतिशत घटा था। इसी तरह शिक्षा और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण की वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 7.6 प्रतिशत थी। उद्योग को ऋण की वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत से घटकर 2.5 प्रतिशत रह गई। बैंकों के ऋण और जमा पर ताजा तिमाही आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर 2019 के दौरान बैंकों के ऋण की वृद्धि दर घटकर 7.4 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले समान तिमाही में 12.9 प्रतिशत रही थी। तिमाही के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ऋण की वृद्धि दर 3.7 प्रतिशत रही, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों का ऋण 13.1 प्रतिशत बढ़ा।
14 फरवरी, 2020 को समाप्त पखवाड़े के दौरान बैंकों का ऋण 6.3 प्रतिशत बढ़कर 100.41 लाख करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले समान पखवाड़े में यह 94.40 लाख करोड़ रुपये रहा था। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन पखवाड़े में बैंकों का जमा 9.2 प्रतिशत बढ़कर 132.35 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 121.19 लाख करोड़ रुपये रहा था।