नई दिल्ली। वह दिन अब दूर नहीं जब भारत के FMCG बाजार में चारों और केवल और केवल धार्मिक और आध्यात्मिक बाबाओं के प्रोडक्ट्स ही दिखाई देंगे। भारत के आध्यात्मिक और धार्मिक गुरुओं के पास लाखों भक्तों का एक बना-बनाया बाजार है। इस बाजार के सहारे कई बाबा FMCG बाजार में प्रवेश कर चुके हैं और कई प्रवेश करने की तैयारी में हैं। तेजी से बदलते नए भारत में ये बाबा ही अब नए बिजनेसमैन बनकर उभर रहे हैं।
पतंजलि बनेगी 5वीं सबसे बड़ी FMCG कंपनी
बाबाओं को बिजनेसमैन की प्रेरणा देने वाली है बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद, जिसका रेवेन्यू जल्द ही 7,000 करोड़ रुपए (1 अरब डॉलर) होने वाला है। हिंदुस्तान यूनीलिवर, आईटीसी, नेस्ले इंडिया और ब्रिटेनिया इंडस्ट्रीज के बाद पतंजलि आयुर्वेद भारत की पांचवीं सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी बनने की ओर अग्रसर है। 2007 में एक छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के साथ शुरू होने वाली पतंजलि आयुर्वेद के 2014 में केवल 200 आउटलेट्स थे। बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद के इस समय पूरे भारत में 5,000 से ज्यादा आउटलेट्स हैं और वित्त वर्ष 2015-16 के पहले 10 महीने में पतंजलि आयुर्वेद का रेवेन्यू दोगुना होकर 3,267 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में रेवेन्यू में 106 फीसदी की वृद्धि हुई है। पिछले साल इसका रेवेन्यू 1587 करोड़ रुपए था।
रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने पिछले एक साल में अपने प्रोडक्ट्स की रेंज का बहुत तेजी से विस्तार किया है। पतंजलि आयुर्वेद का रेवेन्यू दशकों पुरानी एफएमसीजी कंपनी जैसे डाबर (4233 करोड़), मैरिको (3903 करोड़) और गोदरेज कंज्यूमर (3585 करोड़) के रेवेन्यू के लगभग करीब पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2017 में पतंजलि आयुर्वेद भारत की पांचवीं सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी बन जाएगी।
100 फीसदी की विकास दर
अन्य सभी भारतीय एफएमसीजी कंपनियां 8 फीसदी की धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं, जबकि आक्रामक विज्ञापनों, कम कीमत और ग्रामीण इलाकों में गहरी पहुंच की वजह से पतंजलि आयुर्वेद सालाना आधार पर 100 फीसदी की दर से आगे बढ़ रही है। पतंजलि का शुद्ध गाय का घी सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद है, कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी 35 फीसदी है, जबकि हेल्थकेयर की हिस्सेदारी 20 फीसदी है। कॉस्मेटिक से लेकर आयुर्वेद दवाओं तक पतंजलि के पास वर्तमान में 500 प्रोडक्ट्स की लंबी-चौड़ी लिस्ट है।
आध्यात्म बना एक नया बिजनेस
बाबा रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट्स की भारी सफलता को देखकर अन्य कई बड़े और शक्तिशाली धार्मिक गुरुओ ने भी अब एफएमसीजी बिजनेस को गंभीरता से देखना शुरू कर दिया है और वे इस सेक्टर में नए प्रोडक्ट्स के साथ प्रवेश करने की तैयारी में लगे हैं।
उदाहरण के लिए श्री श्री आयुर्वेदा, जिसका संचालन श्री श्री रविशंकर की आर्ट ऑफ लिविंग संस्था करती है, ने अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री के लिए आक्रामक रणनीति के तहत अखबारों और टीवी चैनलों पर विज्ञापन देना शुरू कर दिया है। वास्तव में, श्री श्री आयुर्वेदा पतंजलि से भी पुरानी कंपनी है, लेकिन अभी तक वह अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री केवल अपने अनुयायिओं को अपने कार्यक्रमों और धार्मिक आयोजनों के जरिये ही करती है। उनके पास अपना मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म है और श्री श्री के 3.5 करोड़ भक्त हैं।
एडेलवाइस की रिपोर्ट के मुताबिक श्री श्री आयुर्वेदा मीडिया, प्वाइंट ऑफ सेल विज्ञापन और डिजिटल माध्यम के जरिये अपने प्रोडक्ट्स का प्रचार शुरू कर चुकी है। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियाणी ने श्री श्री के उत्पादों को अपने स्टोर पर उपलब्ध कराने के लिए बातचीत भी की है। वर्तमान में पतंजलि के सभी उत्पाद फ्यूचर ग्रुप के स्टोर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक श्री श्री आयुर्वेदा जल्द ही चुनिंदा बाजारों के लिए ब्रेकफास्ट अनाज, कुकीज, आटा, तेल, मसाले, रेडी-टू-कुक फूड और ऑर्गेनिक उत्पाद पेश करने जा रहा है। श्री श्री के वर्तमान में 600 स्टोर हैं और 2017 तक इनकी संख्या बढ़ाकर 2500 करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार अन्य प्रमुख धार्मिक गुरु जैसे डेरा सच्चा सौदा के गुरु राम रहीम, अरबिंदो आरम और सधगुरु जग्गी वसुदेव भी जल्द ही एफएमसीजी मार्केट में आने की तैयारी में जुटे हैं।
(Source: www.trak.in )