नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव और उनके छोटे भाई राम भरत तथा नजदीकी सहयोगी आचार्य बालकृष्णन रुचि सोया के निदेशक मंडल में शामिल होंगे। रुचि सोया के पास खाद्य ब्रांड न्यूट्रिला का स्वामित्व है। पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल रुचि सोया का अधिग्रहण किया है। रुचि सोया इंडस्ट्रीज लि. ने शेयरधारकों को भेजे नोटिस में राम भरत (41) को कंपनी का प्रबंध निदेशक नियुक्त करने की अनुमति मांगी है।
नोटिस में कहा गया है कि पतंजलि आयुर्वेद लि., दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट, पतंजलि परिवहन प्राइवेट लि.तथा पतंजलि ग्रामोद्योग के गठजोड़ ने पिछले साल रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। उसके बाद नए प्रबंधन को निदेशक मंडल के गठन का अधिकार मिल गया है। रुचि सोया दिवाला प्रक्रिया में थी। कंपनी के निदेशक मंडल की 19 अगस्त, 2020 को हुई बैठक में राम भरत को उसी दिन से 17 दिसंबर, 2022 तक के लिए प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। उनका पद पूर्णकालिक निदेशक से प्रबंध निदेशक किया गया है। अब उनकी नियुक्ति के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी गई है। भरत को सालाना एक रुपये का वेतन दिया जाएगा।
इसके अलावा आचार्य बालकृष्णन (48) को पुन: कंपनी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनको भी सालाना एक रुपये का वेतन दिया जाएगा। नोटिस में बाबा रामदेव (49) को कंपनी का निदेशक नियुक्त करने की अनुमति मांगी गई है। इनके अलावा गिरीश कुमार आहूजा, ज्ञान सुधा मिश्रा और तेजेंद्र मोहन भसीन को स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया है। पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल 4,350 करोड़ रुपये में रुचि सोया का अधिग्रहण किया था।
रुचि सोया सोयाबीन ऑयल ब्रांड्स महाकोश और रुचि गोल्ड का उत्पादन भी करती है। दिसंबर, 2017 में एनसीएलटी ने बकाया ऋण वसूलने के लिए रुचि सोया के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था। पतंजलि ग्रुप द्वारा रुचि सोया के लिए लगाई गई 4350 करोड़ रुपए की बोली में से 4,235 करोड़ रुपए का इस्तेमाल कर्जदाताओं को पैसे लौटाने में किया गया जबकि 115 करोड़ रुपए पूंजी खर्च और कार्यशील पूंजी जरूरतों के लिए इस्तेमाल किए गए। अडानी विलमर को पीछे छोड़कर पतंजलि ने रुचि सोया का अधिग्रहण किया है।