नई दिल्ली। बिजनेसमैन बीके मोदी ने मंगलवार को ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) इन्वेस्टमेंट फोरम की स्थापना करने की घोषणा की। ओसीआई इन्वेस्टर फोरम के चेयरमैन के रूप में मोदी ने प्रस्तावित फंड का आकार अगले पांच साल में 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। यह फोरम भारत में विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में ओसीआई द्वारा वैश्विक आर्थिक निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा। पांच साल की अवधि में निवेश का प्रस्तावित आकार लगभग 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है।
अपनी पहली परियोजना के रूप में ओसीआई इन्वेस्टर फोरम कश्मीर में 100 ग्लोबल वेलनेस होटल विकसित करने के लिए निवेश करेगा। सरकार की अनुच्छेद 370 को रद्द करने घोषणा से पहले ही ओसीआई ने कश्मीर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली और श्रीनगर में मई और जून 2019 में दो सेमिनल कार्यक्रम आयोजित किए थे।
ओसीआई की इस पहल के तहत न्यू इंडिया को 5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायता की जाएगी, जो वैश्विक भारतीयों को अपनी मातृभूमि को कुछ लौटाने का अवसर प्रदान करने के तौर पर एक पुल का काम करेगी। ओसीआई को किसी भी राजनीतिक दल को दान देने की अनुमति नहीं है, इस वजह से वह सबसे ज्यादा राजनीतिक रूप से उदासीन समुदाय है। यह सुनिश्चित करता है कि उनका निवेश राजनीति के बजाये अधिक सकारात्मक दिशा में किए जा रहे प्रयासों से प्रेरित है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. एम ने कहा कि भारत की मौजूदा सरकार ने देश को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आवश्यक है। सरकार ने कल्पना की है कि ओसीआई से भी स्वच्छ धन के प्रवाह का समर्थन मिलेगा। भ्रष्टाचार मुक्त न्यू इंडिया बनाने में ओसीआई एक प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं लेकिन उन्हें सरकार द्वारा विभिन्न नीतिगत पहलों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ओसीआई इन्वेस्टर फोरम के साथ हम हेल्थकेयर और वेलनेस, एक्सपोनेंशियल टेक्नोलॉजी, हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में निवेश के माध्यम से अगले 5 वर्षों में 100 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य रख रहे हैं। डॉ. एम खुद एक ओसीआई हैं और वे 2012 में सिंगापुर के नागरिक और 2018 के अंत में डब्ल्यूएफयूएनएए के अध्यक्ष बने।
ओसीआई एक तरह से भारत के ग्लोबल एम्बेसेडर हैं, जिन्होंने अन्य देशों में धन सृजन, निवेश और व्यापार में वृद्धि का प्रणालीगत ज्ञान प्राप्त किया है। ओसीआई इन्वेस्टर फोरम व्यक्तियों और एएपीआई, एएएचओए, एसआईसीसीआई जैसी संस्थाओं के साथ भागीदारी करेगा और अर्थव्यवस्था में वैश्विक बाजारों की आवश्यक स्वच्छ पूंजी और गहरी अंतर्दृष्टि लाएगा।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि ओसीआई अपना निवेश बढ़ाएं, अधिक लाभदायक भारतीय उद्यम विकसित करें और देश के आर्थिक विकास में भाग लें, उन्हें देश में अधिक समय बिताने की अनुमति दी जानी चाहिए। फोरम की सिफारिश है कि ओसीआई की स्थिति प्रभावित किए बिना उन्हें भारत में रहने की अवधि को बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्तमान में ओसीआई भारत के बाहर अर्जित वैश्विक आय पर टैक्स दिए बिना 182 दिन देश में रह सकते हैं। उन्हें देश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सीमा को बढ़ाकर कम से कम 270 दिन किया जाना चाहिए।
फोरम के गठन के पीछे जिन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया गया है, उनमें सबसे प्रमुख भारत में निवेश करने के लिए ओसीआई के हितों की रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनके पास सबसे सुविधाजनक, सुरक्षित और कुशल पॉलिसी गाइडलाइंस हों, जो उनके निवेश की देख-रेख करें। देश में व्यापार करने में आसानी के लिए ओसीआई को इम्युनिटी और छूट प्रदान करने के नीतिगत निर्णय लेने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ आर्थिक योगदान कर सकते हैं, उन्हें एक अलग डिप्लोमैटिक श्रेणी दी जानी चाहिए, और एनआरआई या विदेशियों के साथ उन्हें क्लब नहीं किया जाना चाहिए। चूंकि, ओसीआई अपने ही देशों के कानूनों के अधीन हैं, इसलिए उन्हें इनकम टैक्स, ईडी और सीबीआई आदि जैसे जांच निकायों के दायरे से बाहर करना चाहिए।