नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई में प्रत्येक नागरिक को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला रामबाण यानी हल्दी की शक्ति उपलब्ध कराने के लिए युवा उद्यमी समीर गुप्ता और अंकित खंडूरी ने एक नया आयुर्वेदिक फॉर्मूले वाला उत्पाद हल्दीवीटा पेश किया है। इस उत्पाद के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जो शरीर को वायरस संक्रमण से बचाती है।
हल्दीवीटा दो साल के गहन शोध का परिणाम है। इसे प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बनाया गया है। इसमें रंग, गंध या संरक्षित करने के लिए किसी अन्य तत्व का उपयोग नहीं किया गया है। हल्दीवीटा में विशिष्ट श्रेणी की हल्दी सुरवर्णा का इस्तेमाल किया गया है। यह हल्दी हिमालय के दुर्गम क्षेत्र बदरीनाथ के पास उगाई जाती है। इस फसल को तैयार होने में 16 से 18 माह का समय लगता है। इस कारण इसे बूढ़ी हल्दी भी कहा जाता है। हल्दीवीटा खाने में बहुत ही स्वादिष्ट है। इसमें 14 प्रकार की स्वास्थ्यवर्धक जड़ी-बूटियों का मिश्रण है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही पुरानी बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है।
समीर गुप्ता ने बताया कि बाजार में उतारने से पहले उन्होंने इस उत्पाद का नौ महीने तक स्वयं सेवन किया। जब उन्हें पता चला कि उनकी डायबिटीज और कोलेस्ट्राल नियंत्रण में आ गए हैं तो वह हैरान रह गए। यही नहीं, इस दरम्यान उनका 20 किलोग्राम वजन भी कम हो गया।
अंकित खंडूरी का कहना है कि लोगों के बीच शुद्धता को लेकर सबसे बड़ी चिंता थी। अब कोरोनाकाल में लोगों की आयुर्वेद में फिर से रुचि बढ़ी है। हल्दीवीटा के जरिये हम लोगों के खोये हुए विश्वास को बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य अपने ग्राहकों को सेहत की सुरक्षा के लिए शुद्ध और सर्वोत्तम उत्पाद मुहैया कराना है। फिलहाल इस उत्पाद को हल्दीवीटा डॉट काम, अमेजन और कई अन्य वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।
हल्दीवीटा को देशभर के विभिन्न शहरों की 500 से अधिक दुकानों पर भी मुहैया कराया जा रहा है। अंकित खंडूरी ने बताया कि हल्दीवीटा का सेवन सभी उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं। अभी इसे इलायची पिस्ता, चॉकलेट और सामान्य हल्दी के फ्लेवर में उपलब्ध कराया जा रहा है। हल्दीवीटा का दूध, चाय और कॉफी जैसे पेय अथवा इडली, उपमा, पोहा, चावल आदि खाद्य पदार्थों में मिलाकर सेवन किया जा सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक दिन में एक चम्मच हल्दीवीटा का सेवन पर्याप्त है।