मुंबई। देश की पांच बड़ी सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर्स कंपनियों टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल और कॉग्नीजेंट ने संयुक्तरूप से 2015 में कुल 77,265 नई भर्तियां की हैं, जो इससे पिछले साल की तुलना में 24 फीसदी कम है। ऐसा इन कंपनियों द्वारा ऑटोमेशन पर जोर देने की वजह से हुआ है, जिससे उन्हें कम कर्मचारियों की जरूरत पड़ रही है। मुंबई की ब्रोकरेज फर्म सेंट्रम ब्रोकिंग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में लिस्टेड चेन्नई स्थित कॉग्नीजेंट टेक्नोलॉजीस में सबसे ज्यादा 74.6 फीसदी नई भर्तियों में कमी आई है, इसके बाद एचसीएल टेक्नोलॉजी का नंबर है, यहां नई भर्तियों की संख्या में 2014 की तुलना में 2015 में 71 फीसदी की कमी रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटोमेशन की वजह से कंपनियों की दक्षता में सुधार हुआ है और सभी सॉफ्टवेयर कंपनियां ऑटोमेशन पर बहुत अधिक ध्यान दे रही हैं इसलिए चालू वित्त वर्ष इस दिशा में एक बड़ा बदलाव बिंदु होगा। विभिन्न प्रोजेक्ट्स और सर्विसेस में प्रतिस्पर्धी दबाव को कम करने और अपनी दक्षता सुधार के लिए ऑटोमेशन का सहारा ले रही हैं। यही वजह है कि 2015 में इन कंपनियों ने पिछले साल की तुलना में 24 फीसदी कम भर्तियां की हैं। यह ऐसे समय में हो रहा है, जब इन सभी कंपनियों का संयुक्त डॉलर रेवेन्यू 9.8 फीसदी बढ़ा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल नई नौकरियों में और अधिक कमी आई होती अगर इस साल इंफोसिस अपने यहां 111.4 फीसदी अधिक भर्तियां नहीं करती। 2015 में इंफोसिस ने पिछले साल की तुलना में 111.4 फीसदी अधिक यानि 23,745 लोगों की नई भर्ती की है। मार्केट लीटर टीसीएस की भर्ती में इस साल 6.6 फीसदी की गिरावट आई है और इसने कुल 26,066 नई नियुक्तियां की हैं। कॉग्नीजेंट ने 2015 में 10,200 और एचसीएल ने 3,456 नई नियुक्तियां की हैं। दिसंबर 2015 के अंत तक इन पांच कंपनियों के कुल कर्मचारियों की संख्या 13.40 लाख थी।