नई दिल्ली। पेट्रोल, डीजल के दाम में वृद्धि और स्वच्छ ईंधन को लेकर बढ़ती जागरूकता के बीच पिछले वित्त वर्ष में देश में वाहन एलपीजी क्षेत्र में 14 प्रतिशत तक की उल्लेखनीय बढ़त देखने को मिली है। उद्योग से जुड़े एक संगठन ने यह दावा किया है।
वाहन एलपीजी को प्रोत्साहन देने के लिए संबंधित क्षेत्रों की कंपनियों के मंच इंडियन ऑटो एलपीजी कोएलिशिन (आईएसी) की एक विज्ञप्ति के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में देश में करीब 4,00,000 टन ऑटो एलपीजी कि बिक्री हुई। इससे पहले के वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 3,46,000 टन का था। यह 14 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है।
उल्लेखनीय है कि 2016-17 में वाहन एलपीजी क्षेत्र में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आईएसी के महानिदेशक सुयश गुप्ता के मुताबिक देश में धीरे-धीरे ही सही लेकिन एलपीजी से वाहन चलाने का चलन बढ़ा है। उनके मुताबिक पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों, स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल को लेकर लोगों में बढ़ती जागरूकता और देश में इस ईंधन की बढ़ती उपलब्धता के कारण ऑटो एलपीजी की बिक्री में यह वृद्धि हुई है।
गुप्ता ने कहा कि देश के 500 से अधिक शहरों में ऑटो एलपीजी के 1100 स्टेशन हैं। उनके मुताबिक वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होने से पेट्रोल, डीजल और वाहन एलपीजी की कीमत घरेलू स्तर पर बढ़ जाती है लेकिन इसके बावजूद वाहन एलपीजी पेट्रोल के मुकाबले करीब 40 प्रतिशत तक सस्ता पड़ता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि देश में वाहन एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा है।
आईएसी में तेल क्षेत्र की सरकारी तेल कंपनियां, निजी एलपीजी किट विनिर्माता, आपूर्तिकर्ता और उपकरण विनिर्माता शामिल हैं।