नई दिल्ली। आने वाले दिनों में दूरसंचार कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कुछ साल पहले छह दूरसंचार कंपनियों की ओर से अपनी कमाई को कम दिखाने पर कैग की एक रिपोर्ट की जांच कर रही एक संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि इन कंपनियों पर समय-समय पर छापा मारा जाना चाहिए और उनके खातों की जांच की जानी चाहिए।
यह सुझाव के. वी. थॉमस की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति की एक बैठक के दौरान दिए गए। इस हफ्ते हुई इस बैठक में कैग की उस ऑडिट रिपोर्ट का परीक्षण किया गया जिसमें बताया गया है कि 2006-07 और 2009-10 में इन छह कंपनियों द्वारा अपनी कमाई कम दिखाने से सरकार को 12,488 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इन छह कंपनियों में एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस कम्युनिकेशन जैसी कंपनियां शामिल हैं।
समिति के सदस्यों ने सुझाव दिया कि नीति में यदि कोई दोष है तो उसे सुधारने के साथ ही सरकार को इस बात पर जोर देना चाहिए कि वह सबसे बेहतर वकीलों को इसमें शामिल करे ताकि कंपनियों को कानूनी कार्रवाई में कोई छूट नहीं मिले। समिति की इस बैठक में दूरसंचार नियामक ट्राई, दूरसंचार एवं राजस्व विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने भी शिरकत की थी।
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