नई दिल्ली। भारत में अगले साल 5जी सेवा शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है। केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी अगले साल अप्रैल-मई के आसपास होने की संभावना है। वैष्णव ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए इस साल सितंबर में घोषित राहत उपायों के साथ पहले चरण के सुधार हुए तथा सरकार आगे और भी सुधार करेगी एवं आने वाले दो-तीन वर्षों में दूरसंचार नियामक संरचना बदलनी चाहिए।
वैष्णव ने कहा कि भारत के दूरसंचार क्षेत्र के विनियमन को सर्वश्रेष्ठ वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है और इसलिए हम इसमें कई सुधार पेश करेंगे, ताकि भारत में विनियमन का वैश्विक मानक हासिल किया जा सके। मंत्री ने 5जी नीलामी की समयसीमा को लेकर कहा कि नीलामी की संरचना पर ध्यान देने वाला भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) इस विषय पर विचार-विमर्श कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वे फरवरी के मध्य तक अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे, शायद यह फरवरी के अंत तक भी हो, ज्यादा से ज्यादा मार्च में रिपोर्ट मिल जानी चाहिए। उसके तुरंत बाद, हम नीलामी करेंगे। यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले दूरसंचार विभाग के चालू वित्त वर्ष के अंत तक 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी करने की उम्मीद थी। स्पेक्ट्रम नीलामी का अंतिम चरण इस साल मार्च में आयोजित किया गया था, जिसमें 77800 करोड़ रुपये मूल्य के 855.6 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी।
वैष्णव ने कहा कि 4जी नेटवर्क के लक्ष्य को हमने पहले ही हासिल कर लिया है और 5जी के लिए 70-75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। फरवरी तक हम 5जी सॉफ्टवेयर काम को पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम विनिर्माण के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन के तहत अभी तक 35 विनिर्माता इसके लिए आवेदन कर चुके हैं और वे अब अपने संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि 6जी के लिए काम शुरू हो चुका है, इस पर विचार प्रक्रिया, अवधारणा आदि पर काम शुरू हो चुका है।
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