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मोबाइल वॉलेट्स और बायोमेट्रिक लेनदेन के कारण खत्‍म हो जाएगा ATM, क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स का चलन : अमिताभ कांत

नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने कहा कि भारत में मोबाइल वॉलेट्स और बायोमेट्रिक माध्यमों से लेनदेन के कारण ATM, क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स के चलन खत्म हो जाएंगे।

Manish Mishra
Updated : April 01, 2017 18:40 IST
मोबाइल वॉलेट्स और बायोमेट्रिक लेनदेन के कारण खत्‍म हो जाएगा ATM, क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स का चलन : अमिताभ कांत
मोबाइल वॉलेट्स और बायोमेट्रिक लेनदेन के कारण खत्‍म हो जाएगा ATM, क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स का चलन : अमिताभ कांत

नई दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत का कहना है कि भारत में प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रसार के कारण डिजिटल लेनदेन मोबाइल वॉलेट्स और बायोमेट्रिक माध्यमों के जरिए किए जाएंगे और ATM, क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स के चलन खत्म हो जाएंगे।

कांत ने शुक्रवार शाम यहां पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) की व्यापार और निवेश सेवा सुविधाएं (TIFS) लॉन्च करने के मौके पर कहा कि प्रौद्योगिकी का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा

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अमिताभ कांत ने कहा कि,

भारत में फिजिकल बैंकिंग लगभग समाप्त हो चुकी है और यहां प्रौद्योगिकी का इतनी तेज रफ्तार से प्रयोग हो रहा है कि अगले तीन-चार सालों में डिजिटल लेनदेन मोबाइल वॉलेट और बायोमीट्रिक माध्यमों से ही होगा। ATM, क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स का चलन पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि दुनियाभर में छाई आर्थिक मंदी के बावजूद भारत का 7.6 प्रतिशत की दर से विकास हो रहा है। कांत ने कहा कि अमेरिका और यूरोप की आबादी वृद्ध होती जाएगी, जबकि भारत की युवा आबादी होगी। व्यापार के नियमों को आसान बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले साल हमने 1200 नियम खत्म कर दिए।

कांत ने कहा कि भारत देश में आने वाले निवेश पर विपरीत प्रभाव डालने वाले नियम-कानूनों को समाप्त करता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करेगा।

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नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि भले ही ट्रंप अमेरिकी अर्थव्यवस्था के संरक्षणवाद की बात करते हों, लेकिन यहां संरक्षणवाद की कोई चर्चा नहीं है। उन्‍होंने कहा कि भारत वैश्वीकरण में यकीन रखता है और वह कभी भी संरक्षणवाद की बात नहीं करेगा। परिणामस्वरूप भारत ऐसी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा, जो निवेश और विकास को आकर्षित करेगा और आर्थिक सहभागिता का उत्कृष्ट केंद्र बन जाएगा। कांत ने कहा कि भारत कई प्रकार से नवाचार का केंद्र बन चुका है।

उन्होंने कहा कि करीब 1500 कंपनियों ने हैदराबाद और बेंगलुरू में अपने नवाचार केंद्र खोले हैं। भारत सस्ती इंजीनियरिंग का केंद्र है। विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अमर सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है कि देश के राज्य विकास के मामले में एक-दूसरे के साथ प्रतियोगिता कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने साथ ही भारतीय उद्यमों को बाहर के देशों में भी संभावनाएं तलाशने की सलाह दी। सिन्‍हा ने कहा कि अफ्रीका और खाड़ी देशों में नई संभावनाएं हैं।”

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भारत में कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल ने इस मौके पर कहा कि भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंध इस समय सबसे अधिक मजबूत हैं। उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जस्टिन टड्रो के बीच अच्छे तालमेल को देते हुए द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

वहीं, अमेरिका के कार्यवाहक चीफ डी मिशन जॉर्ज एन. सिबली ने कहा कि भारत और अमेरिका के सहयोग से पूरी दुनिया को लाभ होगा। सिबले ने कहा कि हम मानते हैं कि भारत का विकास हमारे राष्ट्रीय हित में है।

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