नई दिल्ली। यदि आप भी कैश लेनदेने के लिए बार-बार एटीएम से पैसे निकालते हैं तो यह खबर आपको परेशानी में डाल सकती है। आरबीआई ने बैंकों से अपने एटीएम अपग्रेड करने का आदेश दिया है। वहीं बैंकों ने गेंद आरबीआई के पाले में डालते हुए अपग्रेडेशन का खर्च ग्राहकों से वसूलने के लिए उससे अनुमति मांगी है। उन्होंने रिजर्व बैंक से एटीएम ट्रांजैक्शन पर चार्ज बढ़ाने की इजाजत देने की अपील की है।
अग्रेजी अखबार इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक एटीएम अपग्रेडेशन की लागत वसूलने के लिए बैंक एटीएम ट्रांजैक्शन चार्ज में दो तरह से बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसके तहत वे फ्री ट्रांजैक्शन खत्म होने के बाद लगने वाला 18 रुपए का चार्ज और बढ़ा सकते हैं या फिर फ्री ट्रांजेक्शन की लिमिट को कम कर सकते हैं। फिलहाल किसी बैंक ने अभी एटीएम से 3 और किसी बैंक ने 5 फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन की सुविधा दे रखी है।
इससे पहले आरबीआई ने बैंकों से अपने एटीएम सिस्टम को अपग्रेड करने को कहा था। आरबीआई के मुताबिक एटीएम से धोखाधड़ी और हैकिंग की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए ऐसा करना बेहद जरूरी है। इसकी समय सीमा 6 चरणों में बांटी गई है। पहली डेडलाइन अगस्त 2018 है। वहीं, आखिरी चरण जून 2019 को खत्म होगा।
एटीएम अपग्रेडेशन के तहत बैंकों को बेसिक इनपुट-आउटपुट सिस्टम यानी बीआईओएस को अपग्रेड करना होगा। बीआईओएस कंप्यूटर सिस्टम का एक अभिन्न हिस्सा है। इसका इस्तेमाल पीसी को बूट करने के दौरान होता है। पीसी के ऑन होने पर शुरू होनेवाला यह पहला सॉफ्टवेयर है। ऑपरेटिंग सिस्टम लोड करते समय बीआईओएस कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर जैसे रैम, प्रोसेसर, कीबोर्ड, माउस, हार्ड ड्राइव आदि की पहचान करता है और इन्हें कॉन्फिगर करता है। इसके बाद ही कंप्यूटर मेमरी में ऑपरेटिंग सिस्टम लोड होता है।