भोपाल। इन दिनों तमाम बैंकों की एटीएम से नकली नोट निकलने की खबरें आ रही हैं। आपको यह जानकर हैरत होगी कि नोट देने वाली मशीनों में ऐसी कोई डिवाइस ही नहीं लगी होती, जिससे इन मशीनों तक आए नकली नोटों को पकड़ा जा सके। एटीएम से निकलने वाले नकली नोटों को बदलने का प्रावधान भी नहीं है।
- देश में नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट अमान्य किए जाने के बाद 500 और 2000 रुपए के नोट बाजार में चलन में आए है।
- इन नए नोटों में भी बड़े पैमाने पर खामियां सामने आ रही हैं।
- एक तरफ तकनीकी चूक के चलते उपभोक्ता परेशान है तो दूसरी ओर बाजार में नकली नोट चलन में आ गए हैं।
- इसके अलावा बैंकों की एटीएम मशीनों से चूरन पुड़िया वाला नोट, नकली व बिना नंबर वाले नोटों के निकलने का सिलसिला जारी है।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सूचना के अधिकार के कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने नोटबंदी से पहले एटीएम मशीनों से निकलने वाले नकली नोटों के संदर्भ में भारतीय रिजर्व बैंक से ब्यौरा मांगा था। आरबीआई के मुद्रा प्रबंध विभाग के नोट विनिमय और जाली नोट सतर्कता प्रभाग ने जो ब्यौरा दिया, वह चौंकाने वाला है।
इस ब्यौरे के मुताबिक, 100 रुपए या उससे ज्यादा की राशि के नोट तभी मशीन में डाले जाते हैं, जब उन्हें बैंकनोट मशीन से जांच-परख लिया जाता है। नोटों के असली और प्रचलन योग्य होने पर ही मशीनों में डाला जाता है।
आरबीआई ने अपने जवाब में आगे कहा कि आरबीआई की ओर से एटीएम मशीनों में नकली नोट डिटेक्टर के संदर्भ में कोई निर्देश नहीं है। गौड़ ने आरबीआई से पूछा था कि अगर एटीएम से नकली नोट निकलता है तो उसे कैसे बदलवाया जा सकता है? इस पर आरबीआई का जवाब है कि ‘जाली नोट का कोई मूल्य नहीं होता, इसलिए उसका विनिमय नहीं हो सकता।’
आरबीआई की ओर से एटीएम से निकलने वाले नकली नोटों को लेकर मिले जवाब के बाद गौड़ ने प्रधानमंत्री कार्यालय के पब्लिक ग्रेविएंस सेल से आग्रह किया कि आरबीआई को निर्देश जारी किए जाएं कि जब उपभोक्ताओं से बैंक द्वारा नोट की असलियत मशीन से जांचने के बाद स्वीकारे जाते हैं तो एटीएम मशीन में ऐसे डिटेक्टर लगे होना चाहिए, जिससे उपभोक्ता को भी यह संतुष्टि रहे कि उसे जो नोट मशीन से मिल रहा है वह असली है।