चेन्नई। हिंदुजा ग्रुप की प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड ने अपनी पहली ‘मेड इन इंडिया’ इलेक्ट्रिक बस सर्किट पेश की। अशोक लैलेंड के प्रबंध निदेशक विनोद के दसी के अनुसार इस बस की क्षमता 35 से लेकर 65 यात्रियों तक की है। एक बार चार्ज होने के बाद, मानक परिस्थितियों में यह 120 किलोमीटर तक चल सकती है।
विनोद ने बताया कि इस उत्पाद में 22 करोड़ रुपए का शुरूआती निवेश किया गया है जबकि कुल मिलाकर 500 करोड़ रुपए का निवेश चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्किट सीरिज की बसें भारत के टेक्नोलॉजिकल इन्नोवेशन्स के दोहन के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दोहराता है। इस बस की लागत 1.50 करोड़ रपये से 3.50 करोड़ रपये के बीच होगी।
अशोक लीलैंड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बस) टी वेंकटरमन ने कहा कि सर्किट बसों का विनिर्माण कंपनी के स्वामित्व वाले सभी सातों विनिर्माण इकाइयों में हो सकता है।
यह भी पढ़ें: 15 साल पुराने वाहनों को तोड़ना अनिवार्य करेगी सरकार, नई गाड़ी खरीदने पर मिलेगी छूट
इलेक्ट्रिक कार के लिए इंडियन टीम की मदद लेगी रेनॉ निसान
- रेनॉ निसान भविष्य में इलेक्ट्रिक कारों पर दांव लगाने जा रही है।
- कंपनी की चेन्नई में मौजूद रिसर्च एंड डिवेलपमेंट टीम इसके अफोर्डेबल इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में योगदान देगी।
- रेनॉ निसान के ग्लोबल सीईओ, कार्लोस घोन ने पेरिस मोटर शो के दौरान ईटी से कहा, ‘इलेक्ट्रिक कार हमारी इंडस्ट्री का फ्यूचर है।
- सरकारी मदद काफी महत्वपूर्ण है और चीन की सरकार इलेक्ट्रिक कारों में काफी दिलचस्पी रखती है।
- भारत में इलेक्ट्रिक कारों के लिए ज्यादा मदद उपलब्ध नहीं है।