नई दिल्ली। विज्ञापन हमें प्रोडक्ट की खासियत बता कर उन्हें खरीदते के लिए हमें आकर्षित करते हैं। लेकिन गलाकाट स्पर्धा के दौर में कंपनियां झूठे तथ्यों एवं आंकड़ों के साथ विज्ञापन दिखाकर लोगों की आंखों में धूल झोंकने में बढ़चढ़ कर आगे आ रही हैं। इसमें स्मार्टफोन से लेकर बेसन और नमक बनाने वाली नामी गिरामी कंपनियों के विज्ञापन शामिल है। विज्ञापन क्षेत्र की नियामक एएसआईसी ने इस साल मार्च में 191 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को सही पाया है। शिकायत में इन विज्ञापनों को गुमराह करने वाला बताया गया है।
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) की ग्राहक शिकायत परिषद को माह के दौरान 269 शिकायतें मिली। परिषद ने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े 114 विज्ञापनों , 24 शिक्षा क्षेत्र , 35 खाद्य एवं पेय पदार्थ , सात व्यक्तिगत देखभाल तथा 11 विभिन्न श्रेणियों के विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को सही पाया।
जिन कंपनियों के विज्ञापनों को गुमराह करने वाला पाया गया है , उसमें स्मार्ट फोन बनाने वाली चीनी कंपनी ओपो मोबाइल के एफ 5 माडल का विज्ञापन , अडाणी विलमार के फार्चुन बेसन , सैमसंग का स्मार्टफोन ग्लैक्सी नोट 8 तथा टाटा केमिकल के टाटा साल्ट के विज्ञापन शामिल हैं।