नयी दिल्ली। विज्ञापन क्षेत्र के नियामक भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने अक्तूबर माह में दिग्भ्रमित विज्ञापन के 200 मामलों में विभिन्न कंपनियों को दोषी पाया है। इन कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलिवर, डाबर इंडिया, उबर इंडिया, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, उषा इंटरनेशनल और इंडियन ऑयल कॉर्प शामिल हैं।
एएससीआई की उपभोक्ता शिकायत समिति को संबंधित माह के दौरान 319 शिकायतें मिली। दोषी पाये गये मामलों में 82 स्वास्थ्य क्षेत्र के, 75 शिक्षा क्षेत्र के, 11 व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद क्षेत्र के, आठ खाद्य एवं पेय पदार्थ तथा 24 मामले अन्य क्षेत्रों के रहे। समिति ने हिंदुस्तान यूनिलिवर के आयुष साबुन के उस विज्ञापन को भ्रामक माना जिसमें दावा किया गया है कि यह उत्पाद 15 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनायी गयी है तथा इसके लिए पांच हजार साल पुराने तरीके का इस्तेमाल किया गया है।
इसी तरह डाबर इंडिया के डाबर तेल के विज्ञापन में ‘दोगुनी तेजी से शारीरिक विकास’ के दावे को अतिश्योक्ति पाया है। उबर इंडिया के अगली 10 यात्रा पर पांच सौ रुपये की बचत वाला विज्ञापन, वाहन चालकों को बिना हेलमेट दिखाने वाले हिंदुस्तान पेट्रोलियम का विज्ञापन, सर्वो ऑयल को सर्वाधिक बिकने वाला ल्युब्रिकेंट्स बताता विज्ञापन और उषा इंटरनेशनल का उषा हनीवेल इवेपरेटिव एयर कूलर के बारे में 80 वर्गमीटर तक असर करने के दावे वाला विज्ञापन भी समिति ने भ्रामक बताया।