नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली अगले सप्ताह पेरिस जाएंगे जहां वह आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) के बहुपक्षीय करार पर दस्तखत करेंगे। इस करार का मकसद बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा सीमापार कर चोरी पर अंकुश लगाना है। जेटली की तीन दिन की यह यात्रा 7 जून से शुरू हो रही है। जेटली OECD मंत्रिस्तरीय परिषद की बैठक में भी शामिल होंगे। बैठक में OECD के मंत्री और भागीदार देश इस मुद्दे पर विचार विमर्श करेंगे।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी महीने OECD के साथ बहुपक्षीय समझौते पर दस्तखत की अनुमति दी है। यह संधि आधार क्षरण और मुनाफा हस्तांतरण (BEPS) से निपटने के लिए OECD-G20 BEPS परियोजना का नतीजा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा कर योजना रणनीति के जरिए कर नियमें में कमियों का लाभ उठाया जाता है। इस तरह की रणनीति के जरिए कंपनियां अपने मुनाफे को कृत्रिम तरीके से कम कर या बिना कर वाले गंतव्यों को स्थानांतरित कर सकती हैं।
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दुनिया के 100 से अधिक देशों ने इस बहुपक्षीय साधन पर बातचीत पूर कर ली है और इससे संबंधित संधि पर पेरिस में 7 जून को औपचारिक तौर पर हस्ताक्षर किए जायेंगे। इसमें प्रत्येक देश को यह भी विकल्प दिया गया है कि प्रत्येक देश कर संधि में प्रावधान का चयन कर सकता है। इस करार पर दस्तखत के अलावा जेटली 7 और 8 जून को OECD की मंत्रिस्तरीय परिषद की बैठक मंे शामिल होंगे।