नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में बैंकों के सालाना वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा होगी। सूत्रों ने बताया कि बैठक में कई अन्य मुद्दों मसलन गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) में कमी लाने की दिशा में हुई प्रगति पर भी चर्चा होगी। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय की घोषणा की गई है। इसके पीछे मकसद एक वैश्विक स्तर का बैंक बनाना है।
सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री इसके साथ ही ऋण की वृद्धि और डूबे कर्ज की स्थिति पर भी विचार विमर्श करेंगे। सूत्रों ने कहा कि बैंकों द्वारा वसूली के लिए उठाए गए विभिन्न उपाय तथा सरकार द्वारा किए गए विधायी कदम भी बैठक के एजेंडा में हैं। बैंकों ने डूबे कर्ज की वसूली के अपने प्रयासों को तेज किया है। बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 36,551 करोड़ रुपये की नकद वसूली की है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से 49 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों ने 74,562 करोड़ रुपये की वसूली की है।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन, अर्थव्यवस्था में ऋण के उठाव, प्राथमिकता क्षेत्र ऋण और विभिन्न सामाजिक क्षेत्र योजनाओं मसलन अटल पेंशन योजना (एपीवाई) और प्रधानमंत्री जनधन योजना में हुई प्रगति पर भी विचार विमर्श होगा। वित्त वर्ष 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल घाटा 87,357 करोड़ रुपये रहा है। पंजाब नेशनल को सबसे अधिक 12,283 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 21 है। इनमें सिर्फ दो बैंकों इंडियन बैंक और विजया बैंक को बीते वित्त वर्ष में लाभ हुआ है। इंडियन बैंक को जहां 1,258.99 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है वहीं विजया बैंक ने 727.02 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।