नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली सोमवार को सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) और आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद बैंकों के रुख पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा बैंक आफ बड़ौदा मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों को रोकने कि लिए उठाए जाने वाले कदमों पर बातचीत होगी।
क्रेडिट फ्लो पर होगी चर्चा
सूत्रों ने बताया कि सरकारी बैंकों के प्रदर्शन के लिए इस समीक्षा बैठक में प्रोडक्टिव सेक्टर्स को क्रेडिट फ्लो का भी जायजा लिया जाएगा। साथ ही सरकारी बैंकों के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए अपनाई गई सात सूत्रीय रणनीति इंद्रधनुष की भी समीक्षा की जाएगी। सरकार ने अगस्त में इस कार्यक्रम की घोषणा की थी। इसके तहत चार साल में सरकारी बैंकों में 70,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की व्यवस्था शामिल है, जिसकी शुरुआत चालू वित्त वर्ष में 25,000 करोड़ रुपए से शुरू होनी है। इसमें संचालन प्रक्रिया में सुधार के जरिए बैंकों पर से बोझ कम करने की पहल शामिल है।
एनपीए और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटना चुनौती
सरकारी बैंकों का एनपीए जून 2015 के अंत तक बढ़कर 6.03 फीसदी हो गया जो मार्च 2015 में 5.02 फीसदी था। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में आवास, शिक्षा और कार्पोरेट जैसे विभिन्न क्षेत्रों द्वारा रिण उठान और जनधन योजना तथा प्रधानमंत्री की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति आदि पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में बैंक आफ बड़ौदा से 6,100 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग जैसी घटनाओं से बचाव के लिए सरकारी बैंकों द्वारा उठाए गए कदमों पर भी चर्चा होगी।