नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपने अधिकारियों को दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता-2016 को अमल में लाने के लिए एक बोर्ड गठित करने सहित इसपर समयबद्ध तरीके से अमल करने का निर्देश दिया। जेटली ने वित्त मंत्रालय के साथ साथ कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों को भी इस दिशा में कदम उठाने को कहा। जेटली ने दोनों मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता 2016 के वांछित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इसपर समयबद्ध तरीके से अमल काफी महत्वपूर्ण है।
जेटली ने कहा कि इस कानून पर अमल के लिए जो जरूरी चीजें हैं उन्हें पूरा करने के लिए तुरंत कारवाई की जरूरत है। इसके लिए भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड का गठन करने के साथ साथ रिणशोधन अक्षमता पेशेवरों, ऋणशोधन अक्षमता एजेंसियों और कॉर्पोरेट रिणशोधन अक्षमता के संबंध में नियम और विनियमनों को अधिसूचित करने की जरूरत है। वित्त मंत्रालय की यहां जारी विग्यप्ति में कहा गया है, जेटली ने कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि कंपनियों में रिण शोधन अक्षमता के मामलों से निपटने के लिये वह एनसीएलटी पीठों को अधिसूचित करे। इसके साथ ही ऋण शोधन अक्षमता से जुड़े पेशेवरों और पेशेवर एजेंसियों के पंजीकरण के लिये भी कदम उठाए।
सरकार ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता 2016 को मई में अधिसूचित किया है। इस कानून में कार्पोरेट इकाईयों, भागीदारी फर्मों और व्यक्तियों की ऋण अक्षमता और उनके पुनर्गठन मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए कानूनों में संशोधन अथवा उन्हें सुदृढ़ बनाने का प्रावधान किया गया है। आर्थिक मामले विभाग के सचिव शक्तिकांत दास ने कानून को तय समयसीमा के भीतर अमल में लाने पर जोर दिया। कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव तपन रे भी बैठक में उपस्थित थे।