नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद 91 लाख नए लोग कर के दायरे में आए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह जानकारी देते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद बेहिसाबी धन ‘गुमनाम’ नहीं रहा। इस वजह से करदाताओं की संख्या में 91 लाख का इजाफा हुआ। ‘स्वच्छ धन अभियान’ पर एक नई वेबसाइट का शुभारंभ करते हुए जेटली ने कहा कि पिछले साल 8 नवंबर को ऊंचे मूल्य के नोट बंद करने के फैसले से डिजिटलीकरण को प्रोत्साहन मिला है, आयकरदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है और कर राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा नकद में लेनदेन में भी कमी आई है।
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वित्त मंत्री ने बताया कि 91 लाख नए लोग कर के दायरे में आए हैं। उन्हें उम्मीद है कि आगे चलकर कर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में और वृद्धि होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद व्यक्तिगत आयकर संग्रहण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि नए पोर्टल से ईमानदार करदाताओं को फायदा होगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि,
नोटबंदी के बाद आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग में 22 फीसदी का इजाफा हुआ है। नोटबंदी के बाद 17.92 लाख ऐसे लोगों का पता लगाया गया है जिनके पास जमा कराई गई नकदी का हिसाब-किताब नहीं है।
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इसके अलावा कर विभाग ने एक लाख संदिग्ध कर चोरी के मामलों का पता लगाया है। चंद्रा ने बताया कि नोटबंदी के बाद 16,398 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया है। चंद्रा ने कहा कि 17.92 लाख लोगों द्वारा जमा कराई गई नकदी या नकद लेन-देन उनकी आमदनी से मेल नहीं खाता। इनमें से 9.72 लाख लोगों ने आयकर विभाग की ओर से भेजे गए SMS और ई-मेल का जवाब दिया है।