नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई में शनिवार को दिए भाषण के बाद कैपिटल मार्केट की बेचैनी को शांत करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट किया कि शेयरों की खरीद-फरोख्त में लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) पर टैक्स लगाने करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स गए एक साल से अधिक अवधि के निवेश पर लगने वाला टैक्स है जो शेयरों में किए निवेश पर नहीं लगता है।
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प्रधानमंत्री के भाषण के बाद लगाई जा रही थीं अटकलें
- प्रधानमंत्री मोदी के शनिवार के भाषण के आधार पर यह अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि उन्होंने शेयरों की खरीद-फरोख्त पर टैक्स बढ़ाने का संकेत दिया है।
- और वह चाहते हैं कि पूंजी बाजार के कारोबारियों समेत सभी वर्गों के लोगों को राष्ट्रीय खजाने में योगदान करना चाहिए।
इस संदर्भ में जेटली ने रविवार को नई दिल्ली में डिजिधन मेला कार्यक्रम के दौरान कहा
मीडिया के एक वर्ग ने प्रधानमंत्री के भाषण की गलत व्याख्या की है और उसने यह अर्थ निकालना शुरू कर दिया कि इसमें परोक्ष रूप से प्रतिभूतियों के कारोबार में दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर टैक्स लगाने का संकेत है।
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एक साल से पहले शेयरों की बिक्री पर ही लगता है टैक्स
- इस समय सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों को एक साल के अंदर बेचने पर होने वाले लाभ पर ही टैक्स लगाया जाता है।
- जबकि एक साल या उससे ज्यादा समय बाद शेयरों की बिक्री पर होने वाला लाभ कर-मुक्त है।
- जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ऐसा कोई बयान नहीं दिया। इसलिए वह यह स्पष्ट करना चाहता हैं कि किसी के लिए इस निष्कर्ष पर पहुंचने का कोई आधार नहीं है।
- उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा है और ना ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है जैसा कि मीडिया में कहा गया है।