टोक्यो। जापानी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए न्योता दिया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज इंफ्रास्ट्रक्चर और मार्किट-ओरिएंटेड रिफॉर्म्स का वादा किया। उन्हों ने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर को मौजूदा 7.6 फीसदी से भी तेज करने के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने टैक्स कर स्ट्रक्चर में भी सुधार का वादा किया ताकि इसे सरल, विश्वसनीय व टिकाऊ बनाया जा सके। निक्केई इंक द्वारा आयोजित सम्मेलन ‘द फ्यूचर ऑफ एशिया’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैश्विक नरमी के बावजूद बीते दो साल में भारत सबसे तेज बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था रहा है।
निवेश आकर्षित करने के लिए छह दिन की जापान यात्रा पर आए जेटली ने कहा, बीते दो साल में हमारी आर्थिक ग्रोथ दर 7.2 फीसदी और 7.6 फीसदी रही है। उस वैश्विक मंदी के विपरीत यह दर हासिल की गई है जिसने भारत में व्यापार पर गहरा प्रतिकूल असर डाला है। वित्त मंत्री ने कहा कि लगातार दो साल खराब मानसून और भारतीय निजी क्षेत्र की कुछ दिक्कतों जैसे संकटों के बावजूद भारत उक्त बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा है। जेटली ने कहा, उक्त परेशानियों के बावजूद अनेक ढांचागत सुधारों के साथ साथ भारी मात्रा में सार्वजनिक निवेश व एफडीआई के चलते हमने एक सम्मानजनक वृद्धि दर हासिल की है। उन्होंने कहा कि बीते दो साल में बड़ी संख्या में सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा, उद्देश्य भारत में ढांचागत सुधार लाना रहा है और इस दिशा में निरंतरता से भारतीय अर्थव्यवस्था की साख बहाल करने में मदद मिली।
जेटली ने उम्मीद जताई कि संसद के मानसून सत्र में जीएसटी विधेयक को राज्यसभा द्वारा भी पारित कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा, मैंने जिस दिशा का संकेत दिया है वह और अधिक ढांचागत सुधारों, अधिक बाजारोन्मुखी सुधारों तथा ढांचागत खर्च बढ़ाने, ग्रामीण क्षेत्रों व सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान देने की भावी दिशा है। मुझे लगता है कि इस दिशा को लगातार बनाये रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक सुधारों की शुरआत 1991 में हुई थी लेकिन दूसरी पीढ़ी के सुधार 2014 में भाजपा नीत सरकार के केंद्र में आने के साथ शुरू हुए।