नई दिल्ली। ज्वैलर्स के हड़ताल और विरोध के बावजूद गैर चांदी वाले ज्वैलरी पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाने का फैसला सरकार वापस नहीं लेगी। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज फिर दोहराया कि ज्वैलर्स को सोने पर 1 फीसदी एक्साइज ड्यूटी देना ही होगा। बजट में सरकार ने ज्वैलरी 1 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाई गई थी।
इससे पहले जेटली ने राज्यसभा में कहा था कि सोने की ज्वैलरी पर एक्साइज ड्यूटी देना ही होगा। ज्वैलर्स उत्पीड़न से बचने के लिए कोई अन्य प्रावधान का सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी सिर्फ उन्हीं बुलियन कारोबारियों पर लागू होगा, जिसका कारोबार कम से कम 12 करोड़ रुपए है। यह छोटे कारोबारियों पर लागू नहीं होगा।
सरकार ने आभूषण निर्माताओं से मार्च-मई के बकाए एक्साइज ड्यूटी का भुगतान जून में एक साथ करने को कहा है। वहीं एक जुलाई तक केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के पास रजिस्ट्रेशन कराने का भी निर्देश दिया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 29 फरवरी को पेश बजट में चांदी के साधारण आभूषणों को छोड़ अन्य सभी आभूषणों पर एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगाने की घोषणा की जिसका आभूषण निर्माताओं ने व्यापक रूप से कड़ा विरोध किया। हालांकि, सरकार के इस आश्वासन के बाद कि कर अधिकारियों की तरफ से उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा विरोध प्रदर्शन को 13 अप्रैल को अस्थाई रूप से वापस ले लिया गया।