नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवाकर (GST) विधेयक को पारित कराने पर आम सहमति बनाने के लिए प्रयासों ने गति पकड़ी। जीएसटी विधेयक में बदलाव के मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद सरकार ने सरकार और विपक्षी दलों के साथ चर्चाओं के बाद मिले संकेतों से लगता है कि यह विधेयकर राज्य सभा में अगले सप्ताह चर्चा के लिए रखा जा सकता है। सरकार के साथ बातचीत के बाद कांग्रेस की तरफ से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और इस प्रमुख विपक्षी पार्टी ने बातचीत को रचनात्मक और सकारात्मक बताया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने आज कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ कई दौर की बैठकें कीं। समाजवादी पार्टी, जनता दल (यू) और माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता भी इन चर्चाओं में शामिल हुए।
कांग्रेस की तरफ से पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने जेटली के साथ बातचीत में भाग लिया। कांग्रेस नेताओं के साथ बैठकों के दो दौर हुए। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, जीएसटी विधेयक पर आम सहमति कायम करने के लिये गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। हालांकि, शर्मा ने जीएसटी दर की अधिकतम सीमा का संविधान संशोधन विधेयक में उल्लेख किये जाने की कांग्रेस की मांग के बारे में कुछ नहीं कहा। उधर, कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इन बैठकों के सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि बातचीत निर्णायक और सकारात्मक दौर में पहुंच चुकी है। सरकार के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, विभिन्न दलों के साथ जीएसटी पर बातचीत जारी है और अब तक चीजें उम्मीद के अनुरूप आगे बढ़ रही है। विधेयक को अगले सप्ताह राज्यसभा में पेश करने की दिशा में प्रयास हैं।
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सूत्रों के अनुसार जेटली ने विपक्षी दलों के नेताओं से कहा कि सरकार जीएसटी पर आम सहमति बनाना चाहती है और किसी भी नेता के साथ बातचीत को तैयार है। उन्होंने कहा कि वह सप्ताहांत भी इस बारे में उनकी चिंताओं को सुनने और बातचीत के लिये तैयार हैं। कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने सरकार के साथ विस्तृत बातचीत के बाद सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जताई। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह विधेयक के मसौदे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राज्यसभा की आज शाम हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में जीएसटी विधेयक के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि पिछले सप्ताह इस विधेयक पर चर्चा के लिये पहले ही पांच घंटे का समय तय किया गया है। जेटली ने आम सहमति बनाने के प्रयास स्वरूप आज सपा नेता राम गोपाल यादव और माक्र्सवादी पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात की। इसके साथ ही अन्य नेताओं से भी बातचीत की।
सरकार इस अहम विधेयक को लेकर अन्नाद्रमुक प्रमुख जे. जयललिता के साथ भी संपर्क में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रश्नकाल में कुछ देर के लिए राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के दौरान यादव से बातचीत की। सदन की कार्यवाही जब कुछ देर के लिये स्थगित की गई थी तब प्रधानमंत्री सदन में बैठे रहे और इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और इसी पार्टी के अन्य सदस्य नीरज शेखर के साथ बातचीत की। बहरहाल, वामदलों सहित पांच पार्टियों के नेताओं ने केन्द्र सरकार से कहा है कि जीएसटी विधेयक लाने से पहले वह इस बात को लेकर राज्यों को आश्वस्त करें कि उनकी वित्तीय जरूरतों का ध्यान रखा जायेगा। उनका मानना है कि जीएसटी आने के बाद राज्यों के संसाधन जुटाने के वित्तीय अधिकार जाते रहेंगे। इन पार्टी नेताओं ने अपनी इस चिंता से जेटली को अवगत कराया। जेटली के साथ माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीजू जनता दल के नेताओं की आज मुलाकात हुई।
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