नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती कर सकते हैं। माना जा रहा है कि नोटबंदी के दौरान हुई परेशानी के मद्देनजर वित्त मंत्री यह कदम उठा सकते हैं। आम बजट इस बार एक फरवरी को पेश किया जाना है। एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है।
जेटली ने फरवरी, 2015 में अपने दूसरे बजट भाषण में एक अप्रैल, 2017 से टैक्स प्रोत्साहनों को धीरे-धीरे खत्म करने तथा कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 से घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा की थी।
- डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी के सर्वेक्षण के अनुसार 53 प्रतिशत लोगों की राय है कि इस बार कॉरपोरेट टैक्स की दरों को कम किया जाएगा।
- डेलॉयट ने कहा, सरकार ने कालेधन पर अंकुश के लिए जो सख्त कदम उठाए हैं उसके मद्देनजर यह टैक्स दरों को कम करने का उपयुक्त समय है।
- बीते वित्त वर्ष में सरकार की कुल प्राप्तियों में कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत थी। वहीं आयकर प्राप्तियों का हिस्सा 14 प्रतिशत रहा।
- नोटबंदी की घोषणा के बाद मांग में कमी की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार में गिरावट सबसे बड़ी चिंता है।
- सर्वेक्षण में शामिल 80 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सरकार मांग पर पड़े नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए बजट में उपायों की घोषणा करेगी।
- डेलॉयट ने कहा कि 40 प्रतिशत लोगों की राय है कि टैक्स प्रोत्साहनों को पूरी तरह समाप्त किया जाना एक अच्छा उपाय है और इससे मुकदमेबाजी कम होगी।
- हालांकि, इतनी ही संख्या में लोगों का मानना है कि लाभ आधारित कर प्रोत्साहन जारी रहने चाहिए क्योंकि ये बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वृद्धि के लिए जरूरी हैं।
- दिलचस्प यह है कि 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए प्रोत्साहनों को समाप्त करने के बजाये इन्हें निवेश आधारित टैक्स प्रोत्साहन के रूप में जारी रखा जाना चाहिए।