नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की सोमवार यानी आज होने वाली बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली केंद्र और राज्यों के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर बने गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास करेंगे। केंद्र और राज्यों के बीच बने इस गतिरोध की वजह से GST व्यवस्था को अप्रैल से लागू करना मुश्किल नजर आ रहा है।
यह भी पढ़ें : नए साल पर आम आदमी को दूसरा झटका, पेट्रोल 42 पैसे और डीजल 1.03 रुपए प्रति लीटर हुआ महंगा
GST काउंसिल की नौवीं बैठक आज
- जेटली की अध्यक्षता वाली शक्तिशाली GST काउंसिल की नौवीं बार बैठक होने जा रही है।
- इस बैठक में GST प्रणाली के तहत करदाता इकाइयों पर नियंत्रण एजेंडा का मुख्य मुद्दा होगा।
- काउंसिल की पिछली चार बैठकों में इस मुद्दे पर गतिरोध बना हुआ है।
- आखिरी बैठक चार जनवरी को हुई थी।
- राज्यों की मांग है कि डेढ़ करोड़ रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाली करदाता इकाइयां पूरी तरह से उनके अधिकार क्षेत्र में आनी चाहिए।
वित्त मंत्री को लंबित मुद्दे सुलझने की है उम्मीद
- हालांकि, केंद्र सरकार इस तरह का विभाजन नहीं चाहता है।
- केंद्र सरकार का मानना है कि राज्यों के पास सेवा कर वसूली लगाने के क्षेत्र में अनुभव नहीं है।
- जेटली दोहरी एजेंसियों की ऑडिटिंग तथा प्रत्येक करदाता की जांच के पक्ष में भी नहीं हैं।
- वित्त मंत्री ने पिछले सप्ताह उम्मीद जताई थी कि नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक अप्रैल से लागू करने के लिए लंबित मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें : नोटबंदी से रियल्टी सेक्टर को लगा बड़ा झटका, डेवलपरों को सफेद धन वाले खरीदारों का इंतजार
वित्त मंत्री ने कहा था
ज्यादातर मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा. कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे लंबित हैं। अगले कुछ सप्ताह में हम इन्हें सुलझाने का प्रयास करेंगे। यदि सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाता है तो हम इसे अप्रैल से क्रियान्वित करना चाहेंगे।