नई दिल्ली। नए करेंसी नोट की प्रिंटिंग और ट्रांसपोर्टिंग में सरकार की मदद करने के बाद सेना अब पुराने बंद हो चुके नोटों को नष्ट करने में भी भारत सरकार की मदद करेगी। नोटबंदी के बाद वापस बैंकों में जमा हुए पुराने नोटों को नष्ट करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है।
सेना के सूत्रों के मुताबिक सरकार ने सेना से 15 टीम बनाने को कहा है, जो करेंटी नोटों का वेरीफिकेशन करेंगी। हालांकि सेना ने जवानों की संख्या का खुलासा नहीं किया है, जो इस काम में लगाए जाएंगे। नोटों को नष्ट करने में किस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाएगा, अभी यह भी स्पष्ट नहीं है।
लोक सभा में सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक नोटबंदी की घोषणा वाले दिन यानि 8 नवंबर 2016 तक 500 रुपए में 8,58,253 करोड़ रुपए के करेंसी नोट और 1000 रुपए के 6,85,782 करोड़ रुपए के करेंसी नोट चलन में थे। हालांकि, आरबीआई ने नोटबंदी के बाद कुल जमा हुए पुराने नोटों से संबंधी आंकड़ा अभी तक जारी नहीं किया है। ऐसा अनुमान है कि बैंकों के पास तकरीबन 15 लाख करोड़ रुपए के नोट वापस लौटे हैं। यह चलन में रहे 500 और 1000 के कुल नोटों का 95 प्रतिशत हिस्सा है।
नोटबंदी के बाद, 500 और 2000 रुपए के नए करेंसी नोट छापे गए। भारतीय सेना को बैंक नोट छापने में मदद करने के लिए बुलाया गया था, क्योंकि 24 घंटे छपाई का काम करने के लिए मुद्रणालय में पर्याप्त कर्मचारी नहीं थे। भारतीय वायु सेना ने नोटबंदी के बाद तकरीबन 600 टन नए नोटों को अपने सी-130 और सी-17 एयरक्राफ्ट से विभिन्न स्थानों पर पहुंचाया।