नई दिल्ली। सोने का आयात चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में आधे से अधिक घटकर 4.97 अरब डॉलर रहा जिससे चालू खाते के घाटे पर लगाम लगाना आसान होगा। सोने का आयात अप्रैल-जुलाई 2015 में 10.47 अरब डॉलर रहा। माना जा रहा है कि मुख्य रूप से वैश्विक और घरेलू बाजारों में सोने के भाव में गिरावट के कारण आयात में यह 52.5 फीसदी की कमी आई है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक सोने का आयात लगातार छठे महीने घटकर जुलाई में 63.65 फीसदी की गिरावट के साथ 1.07 अरब डॉलर पर आ गया। स्वर्ण आयात में गिरावट के साथ व्यापार घाटा पिछले महीने कम होकर 7.76 अरब डॉलर रहा जो जुलाई 2015 में 13 अरब डॉलर था। भारत सोने का सबसे अधिक आयात करने वाले देशों में शामिल है। यह आयात मुख्य रूप से जेवरात उद्योग के लिए होता है।
भारत का चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.3 फीसदी पर आ गया जो पिछले साल की इसी अवधि में 1.5 फीसदी था। ऐसा मुख्य तौर पर व्यापार घाटे में कमी के कारण हुआ। इससे घरों में रखे हजारों टन सोने को बाहर निकाला जा सके। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कीमतों में आई भारी उछाल के कारण सोने की मांग में कमी आई है। वहीं शेयर बाजार में लौटी रौनक ने भी चमक फीकी करने का काम किया है। इसके अलावा मोदी सरकार देश में सोने के आयात को कम करने के लिए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम चला रही है।