नई दिल्ली। सरकार की वित्तीय स्थिति में अगस्त माह में सुधार दिखाई दिया। इस दौरान राजकोषीय घाटा पूरे साल के बजट अनुमान का 94.7 प्रतिशत रहा। इसके पीछे मुख्य वजह बेहतर व्यय प्रबंधन रही। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। पिछले वित्त वर्ष में अगस्त अंत में राजकोषीय घाटा पूरे साल के अनुमान का 96.1 प्रतिशत पर था।वास्तविक आंकड़ों में यदि देखा जाये तो चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह के दौरान कुल खर्च और कुल प्राप्ति के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा 5.91 लाख करोड़ रुपये रहा।
सरकार ने इस साल के बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत के दायरे में रखने का बजट अनुमान लगाया है। इससे पिछले वर्ष यह 3.53 प्रतिशत रहा था। आंकड़ों में 2018- 19 के लिये राजकोषीय घाटे का अनुमान 6.24 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।
महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त अंत में कर प्राप्ति 4.79 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 26.4 प्रतिशत रही है। इसी अवधि में एक साल पहले वर्ष के कुल प्राप्ति अनुमान का 26.6 प्रतिशत कर प्राप्त हुआ था। सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अगस्त के दौरान कुल खर्च 10.7 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 43.8 प्रतिशत रहा। एक साल पहले के मुकाबले कुल व्यय प्रतिशत कम रहा है। वर्ष 2018- 19 के बजट में पूरे साल के दौरान कुल खर्च 21.42 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।