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एक अप्रैल से जीएसटी लागू करना मुश्किल, राजनीतिक गतिरोध बना राह में रोड़ा

राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि समय सीमा के अनुसार एक अप्रैल से जीएसटी को लागू करना चुनौतीपूर्ण है।

Dharmender Chaudhary
Updated : December 10, 2015 10:20 IST
एक अप्रैल से जीएसटी लागू करना मुश्किल, राजनीतिक गतिरोध बना राह में रोड़ा
एक अप्रैल से जीएसटी लागू करना मुश्किल, राजनीतिक गतिरोध बना राह में रोड़ा

नई दिल्ली। राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि समय सीमा के अनुसार एक अप्रैल से जीएसटी को लागू करना चुनौतीपूर्ण है। सिन्हा ने कहा, विधाई मामला जटिल है क्योंकि आपको राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत की जरूरत है। साथ ही 50 फीसदी राज्यों से इसे पारित कराने की आवश्यकता है और तब हम जीएसटी विधेयक पारित करवा पाएंगे। इसीलिए विधेयक को पारित कराने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है, जिससे एक अप्रैल 2016 से इसको लागू करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

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कांग्रेस पार्टी कर रही है पुरजोर विरोध

कांग्रेस पार्टी के पुरजोर विरोध के कारण गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लागू करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में अटका हुआ है। नेशनल हेराल्ड मामले में मुख्य विपक्षी दल के कड़े रूख के कारण इसमें और देरी हो सकती है। भारत के सुधार एजेंडे पर यू ट्यूब के जरिए लोगों से बातचीत में उन्होंने कहा, हम प्रशासनिक नजरिए से एक अप्रैल 2016 से जीएसटी को लागू कर सकते हैं। सिन्हा ने कहा जहां तक हमारा सवाल है हम जीएसटी को पास करवाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। यह बिल गरीबों के हित में है और बाजार समर्थक है।

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समिति ने जीएसटी के लागू करने में कई जोखिम बताएं

वित्त मंत्रालय की समिति ने जीएसटी के लागू करने में राजस्व की कमी, और केंद्र एवं राज्यों के बीच विश्वास की कमी फिर से उभरने समेत कई जोखिम कारकों की लिस्ट बनाई है। समिति ने 15 फीसदी रेवेन्यु न्यूट्रल रेट (आरएनआर) का सुझाव दिया है, जिससे ज्यादातर वस्तुओं पर कर 17 से 18 फीसदी की दर से टैक्स लग सकता है। इसमें आवश्यक और गुणकारी वस्तुओं पर 12 फीसदी और शराब, पान मसाला जैसे अवगुणकारी वस्तुओं पर 40 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा।

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