मुंबई। विनिर्माताओं का कहना है कि जीएसटी रिफंड की दिक्कतों के कारण देश के परिधान निर्यात (अपैरल एक्सपोर्ट) में नरमी बनी रहेगी और मौजूदा वित्त वर्ष 2019 में इसमें कुल मिलाकर 10 प्रतिशत गिरावट आ सकती है। क्लोथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) के अध्यक्ष राहुल मेहता ने कहा कि 2017-18 में परिधान निर्यात चार प्रतिशत घटकर 16.7 अरब डालर हो गया। उन्होंने कहा कि देश के परिधान निर्यात में अक्टूबर 2017 से ही गिरावट आ रही है।
जीएसटी के कार्यान्वयन से अनेक समाहित करों का रिफंड बंद हो गया। इससे वित्त वर्ष 2017-18 में निर्यात चार प्रतिशत घटकर 16.7 अरब डॉलर रह गया जो पिछले वर्ष में 17.38 अरब डॉलर था।
मेहता ने कहा कि निर्यात में गिरावट 2018-19 में भी जारी रही और मासिक आधार पर 8-10 प्रतिशत की गिरावट आई तथा वित्त वर्ष 2018-19 में कुल मिलाकर 10 प्रतिशत गिरावट का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि देश से लगभग 70% सूती गारमेंट का निर्यात होता है और पिछले कुछ महीनों में कपास की कीमत में 20% बढोतरी से भी निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ा है।