नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए GDP के आंकड़ों पर सवाल उठाएं थे इसे लेकर वित्त राज्य मंत्री ठाकुर ने पूर्व वित्त मंत्री से सवाल करते हुए पूछा, 'क्या भारतीय अर्थव्यवस्था अलग-थलग द्वीप है? क्या इस महामारी में विश्व की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को जीडीपी संकुचन का सामना नहीं करना पड़ा है? क्या आप नहीं जानते कि फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके में क्रमश: 8.2%, 4.9%, 8.9% और 9.9% की गिरावट आई है. कनाडा, रूस, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका ने भी पिछले एक साल में अपने सकल घरेलू उत्पाद में संकुचन देखा है। वैश्वीकृत दुनिया में व्यवधानों के बावजूद, भारत लचीला बना हुआ है।'
कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट होने पर मंगलवार को चिंता प्रकट करते हुए कहा था कि यदि 2021-21 में ऐसी स्थिति से बचना है तो सरकार को अपनी गलतियां स्वीकार करते हुए विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह सुननी चाहिए। मुख्य विपक्षी दल ने अर्थव्यवस्था की लिहाज से 2021-21 को पिछले चार दशक का सबसे अंधकारमय साल करार दिया और यह आरोप भी लगाया कि अर्थव्यवस्था में आपदा और आपदा में अवसर इस सरकार का मास्टरस्ट्रोक है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ''जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था, वही हुआ। पिछले वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। 2018-19 में जीडीपी 140,03,316 करोड़ थी। 2019-20 में यह 145,69,268 करोड़ रुपये थी और 2020-21 में यह घटकर 135,12,740 करोड़ रुपये हो गई। यह देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को बताता है।''
उन्होंने दावा किया, ''साल 2020-21 पिछले चार दशक में देश की अर्थव्यवस्था का सबसे अंधकारमय साल रहा है। चारों तिमाही के आंकड़े अर्थव्यवस्था की कहानी बयां करते हैं।'' चिदंबरम ने कहा, ''पिछले साल जब कोरोना महामारी की पहली लहर धीमी पड़ती नजर आई तो वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की बातें करने लगे। हमने कहा था कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन पैकेज की मजबूत मदद चाहिए।'' उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद एक लाख रुपये से नीचे चला गया है।