नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवाकर (GST) मामलों में निर्णय लेने वाली जीएसटी परिषद के हाल के फैसलों का विरोध करते हुए इनडायरेक्ट टैक्स अधिकारियों के विभिन्न संगठनों ने असहयोग आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है।
कर्मचारी संगठनों ने अपने आंदोलन की शुरुआत करते हुए शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस नहीं मनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही वह 30 जनवरी को शहीद दिवस के दिन काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाएंगे।
- संगठनों का कहना है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद के 16 जनवरी के फैसले से उनके सदस्य काफी निराश हैं और अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।
- परिषद ने इस बैठक में तटीय सीमा वाले राज्यों को 12 समुद्री मील में होने वाली आर्थिक गतिविधियों पर टैक्स लगाने का अधिकार दिया है।
- इसके साथ ही डेढ करोड़ रुपए से कम कारोबार करने वाले उद्यमियों में 90 प्रतिशत टैक्स दाताओं को भी राज्यों के अधिकार क्षेत्र में रखा गया है।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के समूह ए, बी और सी के कर्मचारियों की संचालन समिति की बैठक के ब्यौरे में कहा गया है,
इस फैसले से राजस्व अधिकारियों के पेशे पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। हम जीएसटी परिषद द्वारा लिए गए इस निर्णय का विरोध करते हैं और इस अनुचित और गलत फैसले को रोकने और इसकी समीक्षा का आग्रह करते हैं।
- उनके मुताबिक 16 जनवरी के इस फैसले से न केवल केंद्र कमजोर होगा बल्कि इसका राजस्व संग्रह और भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव होगा।
- राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी इसका असर पड़ सकता है।
- इनडायरेक्ट टैक्स क्षेत्र में लागू होने वाली इस नई व्यवस्था जीएसटी के एक जुलाई से लागू होने की उम्मीद है।
- पहले इसे एक अप्रैल से लागू किया जाना था।