नई दिल्ली। देश में ई-कॉमर्स कंपनियों के प्लेटफॉर्म से होने वाले सकल वाणिज्यिक कारोबार (ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू:जीएमवी) में 2016 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में एक साल पहले की तुलना में 5 से 10 फीसदी की गिरावट आई है। इस दौरान उनका जीएमवी घटकर 13 अरब डॉलर रह गया।
रिसर्च फर्म रेडसीर के अनुसार फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियों द्वारा कम छूट दिए जाने की वजह से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से बिकने वाले उत्पादों में गिरावट आई है। रेडसीर कंसल्टिंग के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि जहां 2015 में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर काफी मजबूत वृद्धि का रुख था, वहीं 2016 की पहली दो तिहामियों में इसमें काफी गिरावट आई है।
जीएमवी से तात्पर्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से कुल बेचे गए उत्पादों से है। तिमाही और मासिक जीएमवी आंकड़ों के आधार पर वार्षिक जीएमवी रन रेट निकाला जाता है। उन्होंने कहा कि 2015 की अंतिम तिमाही में रनरेट 17 अरब डॉलर था, जो जनवरी-मार्च 2016 में घटकर 14 अरब डॉलर रह गया। इसकी अगली तिमाही में यह और घटकर 13 अरब डॉलर पर आ गया।
ऑनलाइन रिटेल कंपनियों के खिलाफ शिकायतों के निपटान के लिए प्रणाली
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने कहा कि ऑनलाइन रिटेल कंपनियों के खिलाफ आने वाली शिकायतों के निपटान के लिए एक शिकायत निपटान प्रणाली स्थापित की जा रही है। यह कदम इन कंपनियों द्वारा विभिन्न सेल की घोषणा करते हुए विज्ञापन जारी किए जाने के मद्देनजर उठाया गया है।
वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि कैट सहित अन्य व्यापारिक संगठनों से ज्ञापन मिलने के बाद इस मुद्दे पर बैठक की गई। उन्होंने कहा कि ट्वीटर सेवा की तर्ज पर मंत्रालय हैश टैग एमओसीआई सेवा शुरू करेगा, जिसमें उपभोक्ता मामलों के लोग बोर्ड में होंगे। उन्होंने कहा कि लोग अपने मुद्दे, शिकायतें यहां उठा सकते हैं और उनका मंत्रालय, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उनपर ध्यान देगा।