मुंबई। नकदी संकट में फंसे उद्योगपति अनिल अंबानी आर्थिक राजधानी में स्थित अपने मुख्यालय को बेचने या लंबी-अवधि के लिए किराये पर देने के लिए ब्लैकस्टोन और अन्य अमेरिकी फंड सहित ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं। इस मामले से सीधे जुड़े तीन लोगों ने बताया कि हालांकि सांताक्रूज स्थित अनिल अंबानी का यह मुख्यालय एक कानूनी लड़ाई में भी फंसा हुआ है।
इन तीनों सूत्रों ने बताया कि अनिल अंबानी ने अपने मुख्यालय को दक्षिण मुंबई में स्थित बलार्ड एस्टेट ऑफिस में दोबारा शिफ्ट करने की योजना बनाई है। सांताक्रूज स्थित रिलायंस सेंटर का कुल क्षेत्रफल 700,000 वर्ग फुट है और इसकी बिक्री से कंपनी को 1500 से 2000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं।
एक व्यक्ति ने बताया कि अनिल अंबानी इस संपत्ति को बेच सकते हैं या इसे लंबी अवधि के लिए किराये पर दे सकते हैं, दोनों ही विकल्प खरीदारों के सामने रखे गए हैं। अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप अपनी रियल एस्टेट संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहा है, इसके पीछे उसका उद्देश्य नकदी हासिल कर कर्ज के बोझ को कम करना है, क्योंकि रेटिंग एजेंसियों ने कर्ज की वजह से ग्रुप की कई कंपनियों की रेटिंग घटा दी है।
सूत्रों ने बताया कि अनिल अंबानी इस सौदे के लिए सलाहकार के तौर पर जेएलएल को प्रॉपर्टी सलाहकार के तौर पर नियुक्त कर सकते हैं। रिलायंस ग्रुप के प्रवक्ता ने भी इस बात की पुष्टि की है कि समूह रियल एस्टेट संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहा है। बेचने वाली संपत्तियों में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का मुख्यालय भी शामिल है। हालांकि, प्रवक्ता ने विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
अनिल अंबानी ने हाल ही में कहा था कि उनके समूह की योजना इस वित्त वर्ष में हिस्सेदारी बिक्री के जरिये कर्ज में 50 प्रतिशत की कमी लाने की है। रिलायंस समूह के एक कार्यकारी ने कहा कि संपत्ति की बिक्री से जहां बड़ी मात्रा में नकदी हासिल होगी, वहीं लंबी अवधि की लीज ग्रुप को कई लीज एग्रीमेंट के जरिये जल्दी धन एकत्रित करने में मदद करेगी। कंपनी की योजना अगले एक साल में ग्रुप को कर्ज मुक्त बनाने की है।