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अनिल अंबानी की ये कंपनी हुई दिवालिया घोषित, NCLT में 30 मई को होगी अगली सुनवाई

आरकॉम अनिल अंबानी समूह की पहली कंपनी है, जिसे दिवालिया घोषित किया गया है। कंपनी पर बैंकों का 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज बकाया है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 09, 2019 16:39 IST
Anil Ambani's RCom's bankruptcy begins; next hearing on May 30- India TV Paisa
Photo:ANIL AMBANI'S RCOM

Anil Ambani's RCom's bankruptcy begins; next hearing on May 30

मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने अनिल अंबानी के नेतृत्‍व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) की दिवाला प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही एनसीएलटी ने मुकदमेबाजी के 357 दिनों को कंपनी की दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया की अवधि से बाहर रखने को भी मंजूरी दे दी है। 

आरकॉम अनिल अंबानी समूह की पहली कंपनी है, जिसे दिवालिया घोषित किया गया है। कंपनी पर बैंकों का 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज बकाया है। एनसीएलटी ने गुरुवार को कंपनी के निदेशक मंडल को भंग कर दिया तथा उसके संचालन के लिए नए निपटान पेशेवर की नियुक्ति की। साथ ही भारतीय स्टेट बैंक (एबसीआई) की अगुवाई वाले 31 बैंकों के गठजोड़ को ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) बनाने की अनुमति दे दी। 

सुनवाई के दौरान आरकॉम ने मौजूदा निपटान पेशेवर के जरिये 30 मई, 2018 से 30 अप्रैल, 2019 की अवधि यानी 357 दिन की अवधि की दिवाला प्रक्रिया में छूट मांगी। कंपनी ने कहा कि इस दौरान अपीलीय न्यायाधिकरण और उच्चतम न्यायालय से उसे प्रक्रिया पर स्थगन मिला हुआ था। 

वीपी सिंह और आर दुरईसामी की पीठ ने कहा कि इस मामले को कानून और दिशानिर्देशों के अनुरूप आगे बढ़ाया जाना चाहिए। न्यायाधिकरण ने रिलायंस इन्फ्राटेल और रिलायंस टेलीकॉम तथा आरकॉम को उपरोक्त अवधि की छूट दे दी है। 

संकट में फंसी आरकॉम को करीब दो साल पहले अपना परिचालन बंद करना पड़ा था। कंपनी ने रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम बेचकर दिवाला प्रक्रिया से बचने का प्रयास किया लेकिन लंबी कानूनी प्रक्रिया तथा सरकार की ओर से मंजूरियों में देरी से इसमें अड़चनें आईं। 

इसके अलावा कंपनी सार्वजनिक रूप से रीयल एस्टेट और स्पेक्ट्रम संपत्तियों के मौद्रिकरण के जरिये बैंकों का पैसा लौटाने के सार्वजनिक तौर पर किए गए वादे को भी पूरा नहीं कर पाई। 

पिछले महीने कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में संभावित रूप से जेल जाने से बचे हैं। उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने अंतिम क्षण में उन्हें 480 करोड़ रुपए की मदद देकर जेल जाने से बचा लिया। सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को यह राशि एरिक्सन को चुकाने का निर्देश दिया था। एरिक्सन ने पिछले साल आरकॉम को एनसीएलटी में घसीटा था। वह उसकी परिचालन ऋणदाता है।

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