नई दिल्ली। भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के छोटे भाई और अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी अरबपति लोगों के क्लब से बाहर हो गए हैं। 2008 में वह दुनिया के छठे सबसे अमीर आदमी थे। 11 सालों में अनिल अंबानी की संपत्ति तेजी से घटी है। वहीं उनके बड़े भाई की संपत्ति में लगातार इजाफा हो रहा है।
सोमवार यानि 17 जून, 2019 को बाजार बंद होने के बाद अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की छह कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 6,196 करोड़ रुपए था, जो चार महीने पहले तक 8,000 करोड़ रुपए था। इसके अनुसार चेयरमैन अनिल अंबानी की संपत्ति घटकर 1 अरब डॉलर से कम हो गई है। यह संपत्ति और भी कम हो सकती है क्योंकि ग्रुप ने अपनी अधिकांश हिस्सेदारी को बैंकों के पास गिरवी रखा है।
अनिल अंबानी ने पिछले मंगलवार को कहा था कि उनके ग्रुप ने पिछले 14 महीनों के दौरान 35,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज लौटाया है। उन्होंने दावा किया कि भविष्य के सभी भुगतान दायित्वों को समय पर पूरा किया जाएगा। अंबानी ने म्यूचुअल फंड ज्वाइंट वेंचर रिलायंस निप्पन लाइफ असेट मैनेजमेंट (आरएनएलएएम) में पिछले हफ्ते अपनी 42.88 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची है, जो ग्रुप के बाजार मूल्य में आई तेज गिरावट का एक प्रमुख कारण है।
आरकॉम के खिलाफ देनदारी दावों का मूल्य बढ़कर हुआ 57,382 करोड़ रुपए
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के खिलाफ दावों का मूल्य बढ़कर कुल 57,382.5 करोड़ रुपए हो गया है। इसमें रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की भी कुछ कंपनियों के दावे शामिल हैं। कंपनी ने इस संबंध में शेयर बाजार को जानकारी दी।
कंपनी के अंतरिम समाधान पेशेवर प्रदीप कुमार सेठी ने कहा कि 8,189 करोड़ रुपए के नए दावों में से 30 करोड़ रुपए के दावे ही स्वीकार किए गए हैं। इस प्रकार कुल स्वीकृत दावों का मूल्य 49,223.88 करोड़ रुपए हो गया है।
नए दावों में रिलायंस समूह की कंपनियों ने 7,000.63 करोड़ रुपए के दावे किए हैं। रिलायंस समूह की कंपनियों में रिलायंस एचआर सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड ने 3,368.95 करोड़ रुपए, रिलायंस कैपिटल ने 1,291.71 करोड़ रुपए, रिलायंस कम्युनिकेशंस एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने 2,336.22 करोड़ रुपए और रिलायंस ग्लोबल कॉम ने 3.75 करोड़ रुपए के दावे सौंपे हैं।